आपको इस गांव में जाकर बसने पर मिलेगा मुफ्त घर और 8 लाख रूपए

नई दिल्ली। सोचिए अगर आपको किसी गांव में बसने के लिए फ्री का घर और साथ 8 लाख रूपए दिए जाए तो कैसा रहेगा। जाहिर सी बात है कई लोग उस गांव में जरूर बसना चाहेंगे। अगर आपका भी ऐसा कुछ इरादा है तो यह खबर सिर्फ आपके लिए है। दरअसल इटली का एक गांव अपने यहां बसने वालों को मुफ्त में घर और 10000 यूरो यानि करीब सवा आठ लाख (8.17लाख रुपए) देने का ऑफर दे रहा है। उसका ये प्रस्ताव खासतौर पर युवा फैमिली के लिए है।गांव चाहता है कि नए लोग यहां आए। उनके समुदाय का हिस्सा बनें। ये गांव बहुत खूबसूरत पहाड़ी गांव है, जहां एक से सुंदर एक पुरानी शैली के मकान बने हैं। खूब हरियाली है और लंबे चौड़े खेत।
ये गांव उत्तरी इटली के पीडमांट क्षेत्र में लोकाना जिले में है। इस जिले के कई गांवों सूने पड़े हुए हैं, वहां की आबादी कम हो गई है। ज्यादातर वाशिंदे बूढ़े हैं। इसलिए वो चाहते हैं कि गांव में कुछ युवा लोग आएं। उनके साथ आकर रहें। ये गांव इटली के प्रमुख शहर तूरिन से 45 किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव की तस्वीरों को अगर देखें तो इसकी खूबसूरती पर मोहित हो जाएंगे।
शुरुआत में ये गांव में बसने की योजना केवल उन लोगों के लिए खोली गई थी, जो इटली में रह रहे हों लेकिन उसके बाद यहां की म्युनिसपिलिटी ने दायरा बड़ा कर दिया. अब उसने इसका दायरा बड़ा करके इसे दुनियाभर के लोगों के लिए खोल दिया है। बस यहां बसने की एक ही शर्त है. जो भी नए वाशिंदे यहां आएं, उनके एक बच्चा जरूर होना चाहिए. साथ ही उनका वेतन छह हजार यूरो यानि 4.9 लाख रुपए होना चाहिए। उन्हें संकल्पबद्ध रहना होगा कि वो इस इलाके में ही रहते रहेंगे। उन्हें गांववाले जो रकम देंगे, वो उन्हें तीन साल में दी जाएगी।
इस गांव में 1900 की शुरुआत में 7000 लोग रहते थे लेकिन अब यहां की आबादी महज डेढ हजार रह गई है, क्योंकि लोग नौकरियों की तलाश में करीब के शहर तूरिन चले गए। लोकाना में बूढी आबादी ज्यादा है। हर साल अगर 40 लोगों की मौत हो जाती है तो केवल 10 बच्चे ही पैदा होते हैं-हालांकि ये कहानी इटली की भी है, जहां युवा लोग नौकरी और अवसरों के चलते गांव छोड़कर शहर या दूसरे देशों में जाने लगे हैं।
इटली के कई गांवों की कम होती आबादी के कारण ये हालत हो गई है कि उनके विलुप्त होने का खतरा बढने लगा है, इसलिए कई गांवों में सस्ते में संपत्ति बेचने या लोगों को आकर्षित करने की योजना शुरू की जा रही है। सिसली के एक गांव साम्बुका में हाल में खाली पड़े घऱों को महज एक यूरो यानि 82 रुपए में उन लोगों को बेचा गया जो घरों को दुरुस्त कराने में तीन साल में 13,200 पाउंड (12.32 लाख रुपए) लगा सकें। इस गांव के दस घर बेचे जा चुके हैं।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*