जन्माष्टमी: ब्रज के सभी मंदिर बनेगें श्रद्धा के केन्द्र

मुख्य आयोजन होगा श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर
— ब्रज भ्रमण कर रूबरू होंगे श्रीकृष्ण की लीला स्थलियों से
मथुरा। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर ब्रजवासी ही नहीं अपितु देश के कौने कौने मे रहने वाले कृष्ण भक्त सभी आतुर हैं। हर कोई यहां आने के लिए वैचेन हैं। जन्मोत्सव पर ब्रज में आने पर भक्तों को मथुरा वृंदावन के ही नहीं समूचे ब्रज के मंदिर आकर्षित करेंगे।
श्रीकृष्ण के स्वागत को मथुरा सहित समूची ब्रज के वासी उत्साहित हैं। क्योंकि उनके लाडले का जन्मोत्सव है। इसे मनाने के लिए मंदिरों में विशेष तैयारियां हो रही है।।
ब्रज का नाम सुनते ही हमारे मन में अलौकिक आनंद की अनुभूति होने लगती है क्योंकि यह राधा-कृष्ण के प्रेम की भूमि है। यहां की गलियों में हर वक्त राधे-राधे, जय श्रीकृष्ण की गूंज सुनाई देती है क्योंकि यहां के लोगों का यही अभिवादन भी है। एक कहावत भी है-जहां कण-कण में बसे हों श्याम, वो ही है ब्रज धाम।
वैसे तो जन्माष्टमी का मुख्य आयोजन मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होगा। लाखों कृष्ण भक्तों का आस्था का केन्द्र होगा। इसके अलावा द्वारिकाधीश मंदिर और  यमुना का विश्राम घाट भी भक्तों को खूब लुभाएंगे। इसके अलावा वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर, राधा बल्लभ मंदिर, सेवाकुंज, निधिवन, शाहजी मंदिर, राधारमणजी मंदिर,  रंगजी मंदिर, गोदा बिहार, प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर में पूजा अर्चन व दर्शन करेंगे।
गोवर्धन की गिरिराज महाराज की सप्तकोसी परिक्रमा और यहां के दानघाटी मंदिर, गिरिराज मुकुट मंदिर, मानसी गंगा, मनसा देवी मंदिर, हरगोकुल, हरदेवजी मंदिर, चकलेश्वर महादेव मंदिर, गिरिराज मुखारविंद जतीपुरा, राधाकुंड श्याम कुंड, बरसाना का लाडलीजी का मंदिर, वृषभानजी मंदिर, कीर्ति मंदिर,नंदगांव का नंदबाबा मंदिर, आशेश्वर महादेव मंदिर, गोकुल, महावन और दाऊजी के मंदिर भी भक्तों के आस्था का केन्द्र बनेंगे। इन सभी मंदिरों में जन्माष्टमी पर भक्त सूचे ब्रज में भ्रमण करेंगे और श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षात्कार करके लाभांवित होंगे।

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