मथुरा में जिला कारागार में जन्माष्टमी मनाई, संत गुरूशरणानंद ने बाल स्वरूपों की पूजा

  • बंदियों से बुराई का रास्ता छोड़ने का भी किया आह्वान
  • खेल विजेताओं को बांटे प्रमाण पत्र दिया गया, दिया इनाम

यूनिक समय, मथुरा। कार्ष्णि संत प्रवर गुरूशरणानंद ने जिला कारागार में निवासरत बच्चों का राधा-कृष्ण के स्वरूप में पूजन किया। इसके साथ ही बंदियों से बुराई का रास्ता त्यागने का आह्वान किया। आजादी के अमृत महोत्सव पर जिला कारागार में हुई खेल प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण भी किया गया।

जिला कारागार में अपनी माताओं के साथ निवासरत बच्चों को राधा-कृष्ण के स्वरूपों में सजाया गया। संत गुरूशरणानंद ने बंदियों से बुराई का रास्ता छोड़ कर समाज में एक अच्छे व्यक्ति के रूप में रहने और समाज की सेवा करने को कहा।

उन्होंने कहा कि गलती किसी से भी हो सकती है और उन्हें सुधारा भी जा सकता है। इस अवसर पर बंदियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुत दी। आजादी के अमृतमहोत्सव पर जिला कारागार में बंदियों द्वरा लूडो, कैरम, शतरंज, रस्सा खींच आदि खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। खेल के विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाणपत्र वितरित किए गए। कारागार अधीक्षक बृजेश कुमार ने बताया कि जिला कारागार में बंद महिला बंदियों के चार छोटे बच्चे हैं जो उनके साथ ही रह रहे हैं। इस मौके पर जेलर एमपी सिंह, डिप्टी जेलर शिवानी यादव, करुणेश कुमारी और अनूपकुमार आदि उपस्थित थे।

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