Kangana Vs BMC: बॉम्बे हाई कोर्ट ने लगाई बीएमसी को फटकार

मुंबई। बीएमसी द्वारा कंगना के ऑफिस में तोड़फोड़ करने के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में आज यानी गुरुवार को सुनवाई हुई। इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाई है। कोर्ट ने यह फटकार गिरती इमारत को लेकर लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि गिरती इमारतों पर बीएमसी सुस्ती दिखा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने ये भी कहा कि, ‘मॉनसून में आप ऐसी इमारतों को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं। ऐसी इमारतों पर कार्रवाई करने में आप सुस्ती दिखा रहे हैं।’

दरअसल कोर्ट का ये बयान महाराष्ट्र के भिवंडि शहर में हुई इमारत दुर्घटना को लेकर आया है। इस हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई है। दरअसल, हादसे के समय सारे लोग सो रहे थे, लिहाजा बड़ी संख्या में लोगों को मलबे से निकाला गया. इसके लिए स्थानीय बचाव दल और एनडीआरएफ के साथ-साथ डॉग स्क्वायड ने 4 दर्जनों से अधिक लोगों को खोजा, जिसमें कम से कम 10 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।

हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई कल तक के लिए टाल दी गई हैं। दरअसल कल यानी 25 सितंबर को कंगना अपना पक्ष रखेंगी। ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी।

वहीं दूसरी तरफ कंगना ने भी शिवसेना और सीएम संजय राउत पर निशाना साधा है। कंगना ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे, संजय राउत बीएमसी जब मेरा घर ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से तोड़ रहे थे, उस वक्त उतना ध्यान इस बिल्डिंग पे दिया होता तो आज यह लगभग पचास लोग जीवित होते, इतने जवान तो पुलवामा में पाकिस्तान में नहीं मरवाए जितने मासूमों को आपकी लापरवाही मार गयी, भगवान जाने क्या होगा मुंबई का।’

क्या है पूरा मामला?
बताते चलें कि मुंबई की तुलना पीओके से करने वाले बयान के बाद कंगना रनौत शिवसेना के निशाना पर थीं। कंगना और शिवसेना नेता संजय राउत के बीच तीखी बयानबाजी शुरू थी कि कंगना ने इस बीच 9 सिंतबर को मनाली से वापस मुंबई आने का ऐलान कर दिया।

इससे पहले कि कंगना मुंबई पहुंचती 9 सिंतबर को शिवसेना द्वारा नियंत्रित बीएमसी ने अभिनेत्री के ऑफिस में अवैध निर्माण बताते हुए तोड़फोड़ कर दी. कंगना के वकील ने बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसके बाद बीएमसी की कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाई गई. इसे आम लोगों से लेकर कई राजनीतिक पार्टियों और बॉलीवुड हस्तियों ने बदले की कार्रवाई और अवैध बताया. इसके बाद 15 सितंबर को कंगना ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी संशोधित याचिका दायर करते हुए बीएमसी से मुआवजे के तौर पर 2 करोड़ रुपये की मांग की थी.

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