जानिए: खाने का तेल अभी और सस्ता होगा या फिर महंगा!

नई दिल्ली। भारत ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। इसकी जानकारी सरकार के दो अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रायटर्स को दी है। सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने के प्रस्ताव को फिलहाल रोक लगा दी है। यह फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि ग्लोबल मार्केट में खाने के तेल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद अब गिरने लगी हैं। ऐसे में भारत में खाद्य तेलों के दाम पर असर पड़ेगा और यहां भी दाम कम होंगे।

आयात शुल्क के स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं
दो सरकारी सूत्रों ने रायटर्स को बताया, ‘हम अभी आयात शुल्क में कटौती नहीं कर रहे हैं. कीमतों में कटौती एक स्थायी समाधान नहीं है। इसके लिए दीर्घकालिक समाधान खोजना होगा। आयात शुल्क स्ट्रक्चर को जस का तस रखा जाएगा। इसे बदलने को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया, क्योंकि अब विदेशी बाजार में कीमतें कम हो रही हैं, इससे घरेलू कीमतों में भी कमी आएगी।

दोगुने से अधिक हुए सरसों और पाॅम तेल के दाम
भारत दुनिया का सबसे बड़ा वनस्पति तेल आयातक है, लेकिन घरेलू सोया तेल और ताड़ के तेल की कीमतें पिछले एक साल में दोगुने से अधिक हो गयी हैं। वही, सरसों का तेल दोहरे शतक की ओर है। सरकार अब खाद्य तेलों के दाम को घटाने पर विचार कर रही है, लेकिन यह मामला फिलहाल टाल दिया गया है। बता दें कि आम आदमी की जेब पर पहले से ही पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने असर डाला है। साथ ही महामारी के चलते आम जन की आय में कमी आई है।

अब तक 20 फीसदी कम हुए हैं दाम
इन सबके बीच कुछ शहरों में सरसों, पाम तेल की कीमतों में 10-20% तक की कमी देखी जा रही है। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि पिछले एक महीने में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है। कुछ मामलों में यह गिरावट करीब 20 फीसदी है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, भारत में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट का रुझान दिख रहा है. पिछले एक महीने से खाद्य तेल की कीमतें घट रही हैं. कुछ तेल की कीमतों में 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। बयान के मुताबिक, कुछ मामलों में यह गिरावट लगभग 20 प्रतिशत तक है, जैसा कि मुंबई में कीमतों में देखी जा रही है।

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