कोविड 19: चीन में कोरोना से अब तक 90 करोड़ संक्रमित, रिपोर्ट ने खोली पोल

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विशेषज्ञों का अनुमान है कि चीन में 90 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। चांद्रिक नववर्ष के आयोजनों के चलते स्थिति और बिगड़ गई है। यहां तक की अस्पतालों में किसी भी तरह के बेड खाली नहीं हैं।

नई दिल्ली, चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप बेकाबू हो गया है। उसका शीर्ष आना भी अभी दूर है। बताया जा रहा है कि देश में 90 करोड़ संक्रमित हो चुके हैं। इनमें एक करोड़ मरीज ऐसे हैं जो स्वस्थ होने के बाद फिर से कोविड के शिकार हो गए हैं। उनमें वायरस से लड़ने वाली एंटीबाडी की संख्या कम पाई गई है। अगर यह सिलसिला चल निकला तो चीन वर्षों तक कोरोना से मुक्त नहीं हो पाएगा। इसके चलते दुनिया के भी कोविड ग्रस्त रहने की आशंका पैदा हो गई है।

तीन साल तक पाबंदियां लगाए रखने के बाद चीन ने अब अपने नागरिकों पर सभी तरह की रोक हटा ली हैं। देश में इस समय चांद्रिक नववर्ष के आयोजनों की धूम मची हुई है। करोड़ों लोग प्रतिदिन बेरोकटोक यात्रा कर रहे हैं और पार्टी कर रहे हैं। इन्हीं सब में संक्रमण भी फैल रहा है। लेकिन उससे बेपरवाह सारी गतिविधियां जारी हैं।

चीन की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। अस्पतालों में किसी भी तरह के बेड खाली नहीं हैं। जमीन पर लोगों के इलाज की जगह नहीं है। कोविड से मरे लोगों का दाह संस्कार भी खुले में हो रहा है। दूरदराज के इलाकों में न इलाज है और न ही दवाएं। लोग घरों में दम तोड़ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार 140 करोड़ की आबादी वाले चीन में 90 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से कितने ठीक हो गए हैं, यह आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। लेकिन एक करोड़ लोगों के दोबारा संक्रमित होने की जानकारी मिल रही है। यह जानकारी चीन के कई क्षेत्रों से आ रही है।

हुनान विश्वविद्यालय से संबंधित अस्पताल में चिकित्सक चेन के अनुसार उनके क्षेत्र में 30 लाख संक्रमित हो चुके लोगों में से एक लाख को दोबारा कोविड हुआ है। अगर यह सिलसिला चल निकला तो वह चीन और पूरी दुनिया को परेशानी में डालने वाला होगा। चीन में संक्रमित लोगों में असहनीय दर्द भी हो रहा है। यह ओमिक्रान के किसी सब वैरिएंट का प्रभाव भी हो सकता है।

चीन में कोरोना वायरस के ओमिक्रान वैरिएंट के एक्सबीबी 1.5 सब वैरिएंट से पीडि़त एक मरीज मिला है। यह जानकारी चीन के वायरोलाजिस्ट दल ने दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे अभी तक का सबसे तेज फैलने वाला सब वैरिएंट बताया है। दिसंबर 2022 में इसके कुछ मरीज अमेरिका में मिले थे। इस सब वैरिएंट के जानलेवा होने के सुबूत नहीं मिले हैं।

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