मीडिया में नींबू बना बड़ी बहस का मुद्दा, महंगाई ने निचोड़ लिया नींबू!

गर्मियों में नींबू की जबर्दस्त डिमांड बढ़ जाती है, लेकिन इस साल महंगाई और चक्रवात ने नींबू को निचोड़ लिया है। इस मीडिया में नींबू की जबर्दस्त चर्चा है। देश के हरेक राज्य में एक नींबू 10-15 रुपए में बिक रहा है। इसके महंगे होने के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी और हाल में नींबू का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले गुजरात आदि राज्यों में चक्रवात के असर से फसल का बर्बाद होना माना जा रहा है।

गर्मियों में नींबू की डिमांड बढ़ना स्वाभाविक है। यह लू से बचाव करता है और हेल्थ दुरुस्त रखता है। इस बार गर्मी मार्च में ही रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। इस बीच नींबू की कीमत भी पूरे भारत में अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंच गई है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में नींबू 70-90 रुपये किलो बिक रहा है। गुजरात में कीमत 240 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। आंध्र और तेलंगाना में एक नींबू 15 रुपए में बिक रहा है। गुजरात नींबू उत्पादन में नंबर-1 राज्य है, बावजूद यहां आपूर्ति में कमी और गर्मियों के दौरान उच्च मांग के कारण नींबू की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है। आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में पिछले साल चक्रवात के दौरान नींबू के पौधों को भारी नुकसान के कारण नींबू की कीमत में भारी वृद्धि हुई है। उत्तराखंड में नींबू 200-250 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। हैदराबाद 700 रुपये में नींबू का बोरा मिलता था, अब जिसकी कीमत अब 3,500 रुपये है।

दिल्ली और आसपास के इलाकों में सब्जियों के रेट बढ़ गए हैं। ऐसा पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने की वजह से होना बताया गया। दिल्ली में टमाटर 40 रुपये किलो बेचा जा रहा है। जबकि पहले कीमत 25 रुपये से 30 रुपये के बीच थी। लौकी अब 40 रुपये प्रति किलो बिक रही है। आलू इस समय 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। इससे पहले यह 10 रुपये प्रति किलो था। अब दुकानदार ग्राहकों को हरी मिर्च फ्री में नहीं देते। बाजार में नींबू 350 रुपए किलो मिल रहा है, शिमला मिर्च 100 रुपए किलो है।

globaltrademag.com ने फरवरी में एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसके अनुसार, रसद और उर्वरक की बढ़ती लागत के चलते सिर्फ अमेरिका ही नहीं, वैश्विक(global ) उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि के बावजूद नींबू की कीमतों में वृद्धि होगी। 2022 में मेक्सिको, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में बढ़े हुए रकबे और अनुकूल मौसम के कारण दुनिया भर में नींबू का उत्पादन साल-दर-साल 4% y/y(Year-Over-Yea) बढ़कर रिकॉर्ड 22M टन होने का अनुमान जताया था।

रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष वैश्विक स्तर पर नींबू उत्पादन में अधिक कटाई वाले क्षेत्रों में 4% y/y से 22M टन की वृद्धि का अनुमान लगाया था। मेक्सिको, तुर्की में अनुकूल मौसम और मेक्सिको में उत्पादन 7% y/y से 3.2 मीट्रिक टन तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया था। तुर्की का उत्पादन 27% y/y से रिकॉर्ड 1.4M टन तक बढ़ने, जबकि दक्षिण अफ्रीका में नींबू का उत्पादन 4% y/y से 650K टन तक बढ़ना माना गया था।

अमेरिका में सबसे अधिक नींबू आयात होते हैं
अमेरिका दुनिया भर से 3.7 मिलियन टन नींबू आयात करता है। इसके इस साल 10% अधिक होने का अनुमान है। अगर इसे मूल्य के संदर्भ में देखें ,तो नींबू का आयात बढ़कर 4.2 अरब डॉलर हो गया।

Top 10 Lemon Producing States: ये हैं भारत में टॉप-10 नींबू उत्पादक राज्य
गुजरात: यह नींबू उत्पादन में नंबर- पर है। इसका भारत के कुल हिस्से का 19.24% है।
आंध्र प्रदेश: यह नींबू उत्पादन में देश में दूसरे नंबर पर आता है। इसकी हिस्सेदारी 17.85% है।
मध्य प्रदेश: यह नींबू उत्पादन में देश में तीसरा स्थान रखता है। इसका योगदान 9.74% है।
कर्नाटक: नींबू उत्पादन में यह देश में चौथे स्थान पर है। भारत के कुल नींबू उत्पादन में कर्नाटकी की हिस्सेदारी 9.73% है।
उड़ीसा: यह नींबू उत्पादन में देश में छठे स्थान पर है। यह भारत का कुल 8.25% हिस्सा रखता है।
महाराष्ट्र: नींबू उत्पादन में महाराष्ट्र छठे स्थान पर है। इसकी भारत में हिस्सेदारी लगभग 7.96% है।
तेलंगाना: यह देश के कुल नींबू उत्पादन में 5.66% हिस्सा रखता है।
तमिलनाडु: यह देश में अपने कुल नींबू उत्पादन में 3.76% हिस्सा रखता है।
बिहार: यह देश में नींबू उत्पादन में अपना 3.60% योगदान देता है।
असम: नींबू उत्पादन में देश में इस की राज्य की कुल हिस्सेदारी 3.57% है।

भारत में नींबू की खेती
farmer.gov.in की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 219000 हैक्टेयर क्षेत्र में नींबू या इसकी प्रजाति के फलों की उत्पादन होता है। नींबू सारी दुनिया में एक महत्वपूर्ण फल के तौर पर जाना जाता है। नींबू (Citrus Limon) फूल-पौधे परिवार रूटासी में छोटे सदाबहार पेड़ की एक प्रजाति है। यह एशिया मुख्य रूप से असम, पूर्वोत्तर भारत के अलावा उत्तरी म्यांमार या चीन की मूल निवासी है।

 

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