महात्मा गांधी ने श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षाओं को भी जीवन में उतारा: डॉ. राजेन्द्र कृष्ण

मथुरा। इन्दिरा गांधी कला केन्द्र ऑडिटोरियम, नोयडा में महात्मा गांधी के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ‘गांधी स्मृति एंड दर्शन समिति’ तथा ‘फॉउंडेशन फ़ॉर कृष्ण कला एंड एजुकेशन (सोसाइटी)’ के संयुक्त तत्त्वावधान में एक सेमिनार एवं सिम्पोजियम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात् संगीतज्ञ डॉ. राजेन्द्र कृष्ण अग्रवाल ने शिरकत की। कार्यक्रम का प्रथमतः दीप-प्रज्ज्वलन कर उद्घाटन के पश्चात् उन्होंने “गांधी जी का सङ्गीत प्रेम एवं संगीतज्ञों का गांधी जी के प्रति प्रेम” जैसे अछूते विषय पर व्याख्यान दिया।
डॉ. अग्रवाल के साथ इंटरेक्शन के लिए भी देशभर के 30-40 मनीषी विद्वान और कलाकार भी ऑडिटोरियम में उपस्थित थे।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि महात्मा गांधी देश को अहिंसा के माध्यम से स्वाधीनता दिलाने में इसलिए सफल हुए कि उन्होंने एकमात्र सङ्गीत में ही एकीकरण के तत्त्वों का दर्शन किया। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षाओं को भी जीवन में उतारा, इसी कारण हिंसा को कायरों का अस्त्र माना। उन्होंने कहा कि महान् शास्त्रीय गायक अब्दुल करीम खाँ और मास्टर मनहर बर्वे जैसे गायकों के वे प्रशंसक थे। यही कारण है कि महान् कवि-लेखक-नाटककार-संगीत कार व चित्रकार रवींद्र नाथ टैगोर, भारत-रत्न शास्त्रीय गायिका एम एस सुब्बुलक्ष्मी, महान् शास्त्रीय गायक पण्डित कुमार गन्धर्व सहित महान् वैज्ञानिक व वायलिन वादक अल्बर्ट आइंस्टीन और ‘सत्याग्रह’ नामक सुप्रसिद्ध ऑपेरा के संगीतकार फ़िलिप ग्लास सहित अनेकानेक देशी-विदेशी कलाकार तक उनसे बेहद प्रभावित थे। उनके व्याख्यान से प्रभावित होकर मंच से उतरते ही उनको तमाम प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मियों ने घेर लिया और साक्षात्कार लेते हुए बधाई दी।
व्याख्यान से पूर्व कार्यक्रम की मुख्य आयोजक सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना श्रीमती अनु सिन्हा द्वारा डॉ. अग्रवाल का बुके एवं सम्मान-प्रतीक प्रदान कर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर सिंगापुर से आए कथक गुरु चरन श्री गिरधर चांद, प्रख्यात् बांसुरी वादक श्री चेतन जोशी, कैरियर प्लस एवं डायलाग इण्डिया पत्रिकाओं के प्रधान सम्पादक श्री अनुज अग्रवाल सहित सैकड़ों विद्वतजन व विशिष्ट कलाकार मौज़ूद थे। बाद में सिंगापुर से पधारे प्रख्यात् कलाकारों कथक नृत्यकारों के दल ने एक से एक सुन्दर नृत्य- प्रस्तुतियाँ भी दीं। संचालन आर्ट एंड कल्चर स्पीकर श्याम कुमार ने किया।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*