महात्मा गांधी गाय—भैंस का नहीं इस चीज का दूध पीते थे, स्वाद से लेकर सेहत में होता है कमाल

नई दिल्ली। आज 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। देश बापू की 152वीं गांधी जयंती मना रहा हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने अहिंसा के दम पर देश का आजादी दिलाने में बड़ा योगदान दिया। उनके जीवन से युवाओं को बहुत सी प्रेरणा भी मिलती हैं। सादा जीवन उच्च विचार ये बापू के सिद्धांत थे। लोगों को सच्चा वीगन होने का अर्थ भी उन्होंने बताया। यहां तक की वह जानवरों का दूध भी नहीं पीते थे, क्योंकि उनका मानना था कि दूध पशुओं को दुहकर निकाला जाता है इसलिए वे यह भी मांसाहार होता है, तो बापू कौन सा दूध पीते थे और इसके फायदे क्या है, आइए आपको बताते हैं..

Gandhi Jayanti 2021: Mahatma Gandhi drink goat and almond milk, know its benefits

महात्मा गांधी शाकाहारी थे और अक्सर हरी पत्तेदार सब्जियां खाया करते थे। गांधी जी जब लंदन में थे तो वो का हिस्सा बन गए थे। इतना ही नहीं बाद में गाय का दूध और इससे बनने वाली बाकी चीजों का सेवन भी बंद कर वो बन गए थे।

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महात्मा गांधी का मानना था कि दूध जानवरों से ही निकाला जाता है इसलिए वे इसे भी मांसाहार की श्रेणी में रखते थे। हालांकि, कमजोर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें दूध पीने की सलाह दी तो उन्होंने बकरी का दूध पीना शुरू किया।

इसके अलावा बापू अपने लिए खुद बादाम का दूध बनाया करते थे। बादाम के दूध में कोलेस्ट्रॉल और सैचुरेटेड फैट नहीं होता है और यह लैक्टोज मुक्त होता है। यह पूरी तरह वीगन होता है।

वहीं, बकरी के दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामीन ए, बी2, सी और डी पाया जाता है। ये हार्ट के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही मोटापा बढ़ने से रोकने, पचाने और एनीमिनया को भी रोकता है।

बापू पेय पदार्थ चाय-कॉफी से दूर रहते थे और सिर्फ जूस पिया करते थे। हफ्तों तक उपवास करने के बाद वह जूस पीकर ही अपना उपवास खोलते थे।

इसके साथ ही महात्मा गांधी के दिन की शुरुआत गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद डालकर पीने से होती थी। वह शाम को भी इसी तरह नींबू पानी पीते थे।

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