मथुरा: क्षेत्रीय सहकारी समिति में घोटाला, 9 साल पहले मर चुके शख्स को कर्जदार दिखाकर हड़पे रूपए!

मथुरा। यूपी के मथुरा जनपद की क्षेत्रीय सहकारी समितियों में घपलेबाजी के मामले सामने आए हैं। जानकारी के मुताबिक जिला सहकारी बैंक की ओर से जांच कराई जा रही है और वसूली नोटिस भी जारी किए गए हैं। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वसूली के नोटिसों में कई ऐसे नाम भी शामिल हैं, जिन लोगों की लंबे समय पूर्व मृत्यु हो चुकी है या फिर बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका दावा है कि उन्होंने किसी भी सहकारी समिति से कभी भी कोई ऋण नहीं लिया है और फर्जी तरीके से उनके नाम पर ऋण दर्शाकर बकाया राशि के नोटिस जारी कर दिए गए हैं. 9 साल पहले मर चुके चंद्रभान शर्मा और 4 साल पहले मर चुके आनंद प्रकाश को कर्जदार बताया गया है।

दो साल से करा रहे हैं लगातार जांच
जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन मेघश्याम सिंह ने बताया, ‘यह कड़वी सच्चाई है कि विगत वर्षों में सहकारी समितियों में बड़े पैमाने पर घपले होते रहे हैं। इसीलिए हम नवीन कार्यकारिणी के गठन के बाद से ही दो साल से लगातार जांच करा रहे हैं। जिनके फलस्वरूप दो दर्जन से अधिक बैंककर्मियों को निलंबित अथवा बर्खास्त तक किया जा चुका है। कईयों के खिलाफ पुलिस में अमानत में खयानत, धोखाधड़ी और गड़बड़ी जैसे मामले दर्ज कराए जा चुके हैं.’ हालिया घटनाक्रम राया स्थित सहकारी बैंक शाखा के प्रबंधक द्वारा ब्लॉक के आधा दर्जन गांवों के किसानों के खिलाफ लाखों रुपए बकाया की वापसी के लिए नोटिस जारी किए जाने से प्रारम्भ हुआ है।

सहकारी समिति से खाद-बीज अथवा उसके लिए कर्ज लेना बंद

इस संबंध में सहकारी बैंक राया के मैनेजर अर्जुन सिंह का कहना है कि उन्होंने मामले की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दे दी है। कुछ ऐसा ही सोनई क्षेत्र की आत्मनिर्भर सहकारी समिति सरूपा में भी हुआ है, जहां आसपास के कई गांवों के हजारों किसानों के खाते खुले हुए हैं। गांव वालों का कहना है कि जब से खुले बाजार में खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित होने लगी है उन्होंने सहकारी समिति से खाद-बीज अथवा उसके लिए कर्ज लेना बंद कर दिया है परंतु समिति फिर भी उनके खिलाफ बकाया दिखा रही है, जो गलत है।

सभी मामले फर्जी नहीं हैं
किसानों का आरोप है कि आत्मनिर्भर सहकारी समिति के सचिव ने यह घोटाला किया है और किसानों के रिकॉर्ड पर फर्जी तौर-तरीके से धन निकासी की गई है। ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और डीएम पोर्टल के साथ कोऑपरेटिव से भी की है। जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन मेघश्याम सिंह ने कहा, ‘सभी मामले फर्जी नहीं हैं। परंतु, कुछ किसान एक-दो मामलों की आड़ में खुद को भी पाक-साफ सिद्ध करने की कोशिश कर रहे हैं। सभी संदिग्ध मामलों की जांच कराई जा रही है।’

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*