मोदी का संवाद स्टार्ट उद्यमियों के साथ, आप अपने सपनों को सिर्फ लोकल न रखें, बल्कि ग्लोबल बनाएं

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से स्टार्टअप उद्यमियों से संवाद किया। कृषि, स्वास्थ्य, उद्यम प्रणाली, अंतरिक्ष, उद्योग 4.0, सुरक्षा, फिनटेक, पर्यावरण आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप उद्यमी इस बातचीत में शामिल हुए। ग्रोइंग फ्रॉम रूट्स, नजिंग द डीएनए, फ्रॉम लोकल टू ग्लोबल, भविष्य की प्रौद्योगिकी, विनिर्माण क्षेत्र में चैंपियंस का निर्माण और सतत विकास सहित मूल विषयों के आधार पर 150 से अधिक स्टार्टअप उद्योगों को छह वर्किंग ग्रुप में विभाजित किया गया था। मोदी ने कहा-मैं युवाओं से आह्वान करता हूं कि वे अपने सपनों को वैश्विक बनाएं, न कि केवल स्थानीय। आइए हम भारत के लिए इनोवेट करें, भारत से इनोवेट करें।’

भारत के स्टार्ट-अप्स खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं। इसलिए आप अपने सपनों को सिर्फ local न रखें, बल्कि global बनाएं। इस मंत्र को याद रखिए- let’s Innovate for India, innovate from India.

Innovation को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि Global Innovation Index में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है। वर्ष 2015 में इस रैंकिंग में भारत 81 नंबर पर था। अब इनोवेशन इंडेक्स में भारत 46 नंबर पर है।

पूरे भारत में कम से कम 625 जिलों में कम से कम एक स्टार्टअप है। भारत के सभी स्टार्टअप में से लगभग आधे टियर- II या टियर- III शहरों में हैं। इससे पता चलता है कि हर वर्ग के लोग अपने विचारों को व्यवसाय में बदल रहे हैं। भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार खुद को खोज और सुधार रहा है। यह सीखने और बदलने की निरंतर स्थिति में है। भारत के स्टार्टअप अब 55 अलग-अलग उद्योगों में काम कर रहे हैं। पांच साल पहले, भारत में 500 स्टार्टअप भी नहीं थे। आज यह संख्या 60,000 को पार कर गई है।

मोदी ने कहा- हमारा प्रयास देश में बचपन से ही छात्रों में innovation के प्रति आकर्षण पैदा करने, innovation को institutionalise करने का है। 9,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स, आज बच्चों को स्कूलों में innovate करने, नए Ideas पर काम करने का मौका दे रही हैं।

2013-14 में, 4,000 पेटेंट(patents) अप्रूव्ड किए गए थे। पिछले साल, 28,000 से अधिक पेटेंट दिए गए थे। 2013-14 में लगभग 70,000 ट्रेडमार्क पंजीकृत किए गए थे। 2021 में, 2.5 लाख से अधिक ट्रेडमार्क पंजीकृत किए गए थे। 2013-14 में, केवल 4,000 कॉपीराइट दिए गए थे। पिछले साल यह 16,000 को पार कर गया था।

नए ड्रोन नियमों से लेकर नई अंतरिक्ष नीति तक सरकार युवाओं को नवाचार के अधिक से अधिक अवसर देने की कोशिश कर रही है। हमारी सरकार ने आईपीआर नियमों में भी ढील दी है। केंद्र और राज्य सरकारें भी बड़ी संख्या में इन्क्यूबेटरों को बढ़ावा दे रही हैं। जीईएम प्लेटफॉर्म पर स्टार्ट-अप रनवे सुविधा का उपयोग स्टार्ट अप द्वारा अपने उत्पादों को सरकार को उपलब्ध कराने के लिए भी किया जा रहा है। युवाओं की क्षमता और रचनात्मकता में विश्वास किसी भी राष्ट्र के विकास का आधार है। भारत आज अपने युवाओं में विश्वास रखता है और उसी के अनुरूप नीतियां बना रहा है।

हजारों करोड़ रुपये की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं। आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है। मैं मानता हूं, भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरू हो रहा है। जिस स्पीड और स्केल में आज भारत का युवा स्टार्ट-अप बना रहा है, वो वैश्विक महामारी के इस दौर में भारतीय की प्रबल इच्छा शक्ति और संकल्प शक्ति का प्रमाण है। पहले बेहतरीन से बेहतरीन समय में इक्का-दुक्का कंपनियां ही बड़ी बन पाती थी, लेकिन बीते साल तो 42 यूनिकॉर्न देश में बने हैं।

संवाद के दौरान प्रत्येक समूह ने बताए गए मूल विषय पर प्रधानमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुति दी। इस संवाद का उद्देश्य यह समझना है कि देश में नवाचार पर जोर देकर स्टार्टअप उद्यम किस प्रकार राष्ट्रीय जरूरतों के प्रति अपना योगदान दे सकते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा 10 से 16 जनवरी, 2022 तक एक सप्ताह चलने वाले कार्यक्रम, “सेलिब्रेटिंग इनोवेशन इको-सिस्टम”, का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन स्टार्टअप इंडिया पहल के शुभारंभ की छठी वर्षगांठ का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए स्टार्टअप उद्योगों की क्षमता में दृढ़ विश्वास रहा है। यह 2016 में स्टार्टअप इंडिया की प्रमुख पहल के शुभारंभ में परिलक्षित हुआ। सरकार ने स्टार्टअप उद्योगों की प्रगति और उन्नति को बढ़ावा देने के लिए एक सक्षम वातावरण तैयार करने की दिशा में काम किया है। इसका देश में स्टार्टअप इको-सिस्टम पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है और इससे देश में क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति हुई है। बता दें कि स्टार्टअप इंडिया पहल की घोषणा मोदी ने 15 अगस्त, 2015 को की थी। इस प्रमुख पहल का उद्देश्य देश में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण करना है, ताकि आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हों।

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