सांसद हुआ गिरफ्तार, अखिलेश यादव पहुंचे पुष्पेंद्र के गांव, जानिए वजह

लखनऊ. झांसी में पुष्पेंद्र एनकाउंटर मामले में सियासत गरमा गई है। मामले में पुष्पेंद्र का परिवार और विपक्ष एक तरफ है तो सरकार व यूपी पुलिस दूसरी तरफ। सपा ने पुलिस व सरकार पर आरोप फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया तो शिवपाल सिंह यादव के पुत्र आदित्य पुष्पेंद्र के परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे। बुधवार को अखिलेश यादव भी पुष्पेंद्र के गांव करदुआं खुर्द पहुंचे और परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया औऱ मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उधर कांग्रेस ने भी भाजपा शासनकाल में हुए सभी पुलिस मुठभेड़ की सीबीआई जांच की मांग की। माहौल को गर्म देखते हुए एडीजी एलओ ने बकायदा प्रेस वार्ता कर निष्पक्ष जांच की बात कही। साथ ही यह भी बताया कि एनकाउंटर से पहले पुष्पेंद्र पर पांच केस भी दर्ज थे। आहत परिवार पुष्पेंद्र पर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है। परिवारजनों का रोरोकर बुरा हाल है। गौरलतब है कि 5 अक्टूबर को पुष्पेंद्र यादव को एनकाउंटर में पुलिस ने मार गिराने का दावा किया था।

बुधवार को अखिलेश यादव पुष्पेंद्र के परिवार से मिलने झांसी के लिए लखऩऊ से रवाना हुए। सपा नेता व कार्यकर्ता ने भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया। झांसी में सपाईयों के विरोध प्रदेशन को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया। जगह-जगह पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। शांतिभंग करने के आरोप में विरोध प्रदर्शन कर रहे सपा नेताओं व राज्यसभा सांसद चंद्रपाल यादव समेत 39 लोगों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। इस पर सपाईयों का कड़ा रुख देखने को भी मिला। मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया है कि सरकार की ठोंको नीति के चलते पुलिस बेकाबू हो गई। अपराध रोकने में नाकाम पुलिस निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर आतंक फैलाने में लगी है।

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अखिलेश ने परिवार को बंधाया-
इसी के साथ ही अखिलेश यादव पुष्पेंद्र के परिवार से मिलने उनके गांव करदुआं खुर्द पहुंचे, जहां रोते बिलखते परिवार को अखिलेश ने ढांढस बंधाया। पुष्पेंद्र के भाई ने अखिलेश यादव को एन्काउंटर की पूरी कहानी बताई। इस मौके पर सपा अध्यक्ष ने परिवार को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया व कहा कि झांसी पुलिस ने निर्दोश का एन्काउंटर किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सत्ता का दंभ अब सिर चढ़कर बोल रहा है। अखिलेश के पहुंचने पर याहां मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए व पुष्पेंद्र के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की। पुलिस ने गुस्साए ग्रामीणों को बैरिकेडिंग लगा कर स्थिति को काबू में किया।

एनकाउंटर से पहले पुष्पेंद्र पर पांच केस थे दर्ज- एडीजी एलओ
मामले में अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री ने प्रेस वार्ता कर कहा है कि यूपी पुलिस ने इस मामले में विधि सम्मत कार्य किया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है। वहीं एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच हो रही है। पुलिस द्वारा पुष्पेंद्र का दाह संस्कार किए जाने पर उन्होंने कहा कि पुष्पेंद्र का शव परिवार को सौंपा गया था। उन लोगों ने शव नहीं लिया इसलिए धार्मिक रीति-रिवाजों के मुताबिक दाह संस्कार कराया गया जिसमें स्थानीय लोग भी शामिल हुए थे। पीवी रामाशास्त्री ने यह भी बताया कि एनकाउंटर से पहले पुष्पेंद्र पर साल 2014 व 2015 के 5 मुकदमे दर्ज थे। बहरहाल पुलिस क्रैकडाउन की प्रक्रिया का पालन हुआ है। पीड़ित परिवार की तहरीर पर भी जांच की जा रही है। पुष्पेंद्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जांच का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पुष्पेंद्र का भाई अपना बयान दे सकता है। पुष्पेंद्र के भाई के पक्ष की जांच की जा रही है।

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कांग्रेस-प्रसपा भी कूदी मैदान में-
मामले में कांग्रेस ने भी यूपी सरकार व पुलिस को घेरा हैं। कांग्रेस ने पुलिस मुठभेड़ों की सीबीआइ जांच की मांग की है। वही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के पुत्र आदित्य यादव ने पुष्पेंद्र के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान दौरान पुष्पेंद्र की पत्नी शिवांगी ने आदित्य से न्याय की भीख मांगी। व हाथ पकड़कर कहा कि भइया हमें न्याय दिला दो। शिवांगी की हालत देख हर किसी की आंखे नम हो गईं। इस दौरान आदित्य यादव ने पत्रकारों से कहा कि यह एनकाउंटर नहीं हत्या है। लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। घूसखोरी को छिपाने के लिए एक बेगुनाह को पुलिस ने मार डाला और बाद में करतूत पर पर्दा डालने के लिए हत्या को मुठभेड़ की शक्ल दे दी।

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