मुंबई बमकांड : गुलशन कुमार हत्याकांड का आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा, 70 करोड़ के ड्रग्स का मामला

इंदौर। जिले के कुख्यात 70 करोड़ के ड्रग्स कांड के तार अंडरवल्र्ड तक भी पहुंच गए। पुलिस ने मुंबई और नासिक से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार वसीम खान गुलशन कुमार हत्याकांड और अय्यूब कुरैशी 1993 मुंबई बम धमाके का आरोपी रहा है। वसीम अबू सलेम गैंग का पुराना सदस्य रहा है, जिसे बरी कर दिया गया था। लेकिन, अय्यूब को बम कांड में 5 साल की सजा हो गई थी। उसके बाद वह मुंबई में ड्रग्स और पार्किंग का धंधा करने लगा।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख ने 70 करोड़ के ड्रग्स कांड में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मामले में अभी तक 16 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। शासन के आदेश पर ड्रग्स बेचने वालों के खिलाफ अभियान ’’प्रहार’’ चलाया जा रहा है। इसके लिए इंदौर जोन के सभी जिलों की पुलिस को निर्देश दिए गए थे कि किसी भी तरह के ड्रग पैडलर को छोड़ा न जाए।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस महानिरीक्षक हरिनारायणाचारी मिश्र और पुलिस अधीक्षक विजय खत्री ने ड्रग्स पैडलर के खिलाफ एसआईटी का गठन किया। इसके अलावा ड्रग्स बेचनेवालों पर लगाम कसने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, क्राईम ब्रांच गुरूप्रसाद पाराशर के नेतृत्व में नई टीम बनाई गई।

गौरतलब है कि 5 जनवरी को क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम ने हैदराबाद, तेलंगाना और इंदौर के 5 ड्रग्स स्मगलरों को पकड़ा था। इन लोगों से 70 करोड़ रुपए कीमत की 70 किलो एमडी ड्रग्स बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपियों से 13 लाख कैश और 2 चार पहिया वाहन जब्त किए थे। क्राईम ब्रांच ने आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 01/21 धारा 08/22, 8/25, 8/29 एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने जब इन्हें रिमांड पर लिया तो 17 तारीख को अन्य 5 आरोपी गिरफ्तार हुए। इसके बाद फिर 23 जनवरी को 3 और फिर 24 जनवरी को 3 और आरोपी गिरफ्तार हुए।

वसीम उर्फ बाबूजी उर्फ असलम खान (पिता बाबू खान उम्र 50 वर्ष) बांद्रा, मुंबई के भैरव बड़ा का रहने वाला है। इसकेअलावा इसका एक पता साईनाथ नगर, घरौंदा अपार्टमेंट फ्लैट नंबर, 4 नासिक भी है। वसीम वर्ष 1996 में हत्या के अपराध में थाना नागपाड़ा, आर्थर रोड जेल में 3 महीने तक रहा। उसके बाद जब वह जमानत पर बाहर आया तो अबू सलेम के गैंग से जुड़ गया। 1997 में गुलशन कुमार हत्याकांड में भी इसका नाम सामने आया। डेढ़ साल तक वसीम मुंबई के कुर्ला, साइन, धारावी में फरारी काटता रहा। लेकिन, 1998 में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसके बाद 3 साल तक आर्थर रोड जेल में रहा। वर्ष 2001 में छूटने के बाद आरोपी नासिक आ गया था। चार-पांच साल पहले वह अपने दोस्त अयूब के साथ ड्रग पैडलर रहीस खान से मिला और हर तरह की ड्रग्स बेचने लगा।

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