नवरात्रि: कौन से पांच आटे हैं जो व्रत के दौरान लोग खा सकते हैं, हेल्थ के लिए भी होते हैं फायदेमंद

नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक चारों तरफ भक्ति का माहौल रहता है। कई भक्त मां की उपासना के लिए 9 दिनों का व्रत रखते हैं। जो लोग नौ दिन तक व्रत करते हैं उनके लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है अपनी डाइड का ध्यान रखना। गर्मी के कारण नौ दिनों का व्रत करने में लोगों को दिक्कत भी होती है जिस कारण से लोगों की तबियत बिगड़ने लगती है। व्रत के दौरान आप अपनी डाइट में 5 तरह के आटों (flour) को शामिल कर सकते हैं। अच्छी बात ये है कि इन आटों का प्रयोग केवल व्रत के लिए ही होता है और हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं वो 5 आटे जिनका प्रयोग आप व्रत के लिए कर सकते हैं।

कुट्टू का आटा
नवरात्रि का व्रत हो या फिर कोई और व्रत सबसे ज्यादा इसी आटे को खाया जाता है। ये ग्लूटेन फ्री होता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन और कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। व्रत के दौरान इस आटे का प्रयोग करने से शरीर में एनर्जी बनी रहती है। कुट्टू में विटामिन के अलावा बी-कॉम्पलेक्स भी पाया जाता है। इसलिए ये लिवर को भी फिट रखता है।

राजगिरा का आटा
व्रत के दौरान आप राजगिरा के आटे का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में पौष्टिक होता है इसके साथ ही ये आटा ग्लूटन फ्री होता है। हाई फाइबर होने के कारण पाचन शक्ति भी अच्छी रहती है। इस आटे को उपवास के दौरान अधिक प्रयोग में लाया जाता है। राजगिरा के आटे का प्रयोग आप हलवा बनाने के लिए बी कर सकते हैं। इसके साथ ही आप इसके आटे की रोटी और पराठे भी बना सकते हैं।

भगर
भगर एक पौधे का बीज होता है। इसे केवल व्रत के दौरान ही खाया जाता है। इसका आटा मार्केट में आसानी से मिल जाता है। यह बॉडी के लिए भी फायदेमंद होता है। क्योंकि यह ग्लूटन फ्री होता है। व्रत के दौरान इसका उपयोग करने से शरीर में भरपूर एनर्जी बनी रहती है।

साबूदाने का आटा
साबूदाना का प्रयोग सबसे ज्यादा होता है। इसका प्रयोग व्रत के साथ-साथ सामान्य तौर पर भी किया जाता है। साबूदाने को पीसकर उसका आटा बना सकते हैं और कई तरह की डिश तैयार कर सकते हैं। ये ग्लूटन फ् होता है। इसका उपयोग आप उत्तपम, डोसा, इडली और चीला बनाने के लिए कर सकते हैं।

सिंघाड़े का आटा
सिंघाड़े के आटे का उपयोग व्रत में सबसे ज्यादा होता है। इसमें फाइबर होता है। इसे खाने से आपकी एनर्जी बनी रहती हैं। सिंघाड़े का आटा सूखे पीसे हुए सिंघाड़े से बनता है।

 

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