गोवर्धन परिक्रमा में गंदगी व अव्यवस्था पर एनजीटी गंभीर

अगली सुनवाई 19 को, डीएम व एसएसपी तलब
— समाचार पत्रों व सोशल मीडिया की खबरों का लिया संज्ञान
नई दिल्ली /मथुरा। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में गोवर्धन परिक्रमा संरक्षण संस्थान से जुड़े मामले की बुधवार को तत्काल सुनवाई की गई। जिसमें एनजीटी ने गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में व्याप्त गंदगी को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए 19 जुलाई को डीएम व एसएसपी को तलब किया है।
जिस पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद और इसी मामले से पूर्व में जुड़े एमसी मेहता ने न्यायालय को एक ई मेल भेज यह अवगत कराया कि मथुरा के सभी प्रमुख समाचार पत्रों व ऑनलाइन मीडिया से उन्हें यह जानकारी मिली है कि गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में व्याप्त गंदगी व वहां की अन्य सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं, जिससे कि वहां के पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।
पर्यावरणविद एमसी मेहता जो कि इस मामले में पूर्व में अधिवक्ता थे तथा उनकी बीमारी के चलते अब उनकी जगह इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी हैं। पर्यावरणविद एमसी मेहता की तरफ से मौजूद मेहक रस्तोगी ने न्यायालय को अवगत कराया कि एमसी मेहता न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सके इस लिए ई मेल के माध्यम से इस मामले से जुड़ी ताजा जानकारी न्यायालय को उन्होंने भेजी है। तथा न्यायालय से अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग भी की है ।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अधिवक्ता पिंकी आनंद को जब याचिकाकर्ता आनंद गोपाल दास व सत्य प्रकाश मंगल के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने 13 अगस्त को सभी प्रमुख अखबारों की प्रति न्यायालय में सौंपी तो अधिवक्ता पिंकी आनंद ने यह दलील दी कि अखबारों में तो कुछ भी छप जाता है। इस न्यायधीश रघुवेन्द्र सिंह राठौर ने उनको कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि फिर क्यों ना आप खुद जा कर देखें वहां की क्या स्थिति है। न्यायालय ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि 23 तारीख की जन्माष्टमी है और गोवर्धन में व्याप्त अव्यवस्थाओं का अंबार है। इसलिए जिला अधिकारी मथुरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा व एसडीम गोवर्धन को 19 अगस्त के लिये तलब किया जाता है। मामले की अगली सुनवाई अब 19 अगस्त को होगी ।

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