अब बैंक खाते से नहीं होगा बिटकॉइन कैश, कांग्रेस ने बिटकॉइन को बताया काले धन को सफेद करने का घोटाला

देश में बिटकॉइन में निवेश करने वाले अब इस जैसी सभी क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब यह हुआ कि अब लोग बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी को अपने बैंक खाते में कैश नहीं करा पाएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सभी बैंकों को 5 जुलाई तक क्रिप्टोकरेंसी में डील करने वालों से संबंध तोड़ने को कहा था। यह सर्कुलर अप्रैल में जारी किया गया था। अब इसकी समय सीमा खत्म हो गई है।

अभी तक कोई भी व्यक्ति एक्सचेंज पर बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी की खरीद कर सकता था। इसके लिए एक्सचेंज से जुड़े बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर करना पड़ता था और उसी के आधार पर बिटकॉइन की खरीद होती थी। अब ऐसा करना संभव नहीं होगा। अब कुछ एक्सचेंज पीयर टू पीयर बन जाएंगे जहां आपको किसी अन्य खरीदार से जोड़ा जाएगा और उसके साथ आप बिटकॉइन खरीद या बेच सकेंगे। पीयर टू पीयर ट्रेडिंग में आप केवल बिटकॉइन को किसी दूसरे क्रिप्टोकरेंसी के बदले में ही खरीद-बेच सकेंगे।

बिटकॉइन रखने वालों को अब एक्सचेंज पर ही खरीदारों की तलाश करनी होगी। क्रिप्टोकरेंसी को रुपये या किसी अन्य वैध मुद्रा में बदलने के लिए ब्लैक मार्केट की मदद लेनी पड़ेगी। साथ ही एक्सचेंज या क्रिप्टोकरेंसी कंपनियों को बैंकों से लोन भी नहीं मिलेगा। साथ ही वे बैंकों में कारपोरेट खाता भी नहीं खोल सकेंगे। आरबीआई का सर्कुलर नए बिटकॉइन ट्रेडर्स के लिए ज्यादा बड़ा झटका है।

देश में अगर अब कोई बिटकॉइन निवेशक बनना चाहेगा तो उसे एक्सचेंज की जगह पीयर्स से खरीदारी करनी होगी। इसके लिए करंट एक्सचेंज पर प्रीमियम का भुगतान करना होगा जोकि एक बिटकॉइन के ट्रेड के लिए 4.30 लाख रुपये से ज्यादा है। इसके अलावा वॉलेट में रखा पैसा अगर अभी तक नहीं निकाला गया है तो यह फंस सकता है।

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