अब स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित मिलने पर, क्या होगा अस्पताल का

         दिल्ली सहित देश के कई महानगरों में इलाज पर संकट.

देशभर के अस्पतालों में पहले से ही स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या कम.

कई किलोमीटर दूर अस्पतालों में मरीजों को करना पड़ रहा शिफ्ट.

 स्वास्थ्यकर्मी के संक्रमित मिलने पर पूरा अस्पताल सील नहीं होगा। देश के कई महानगरों में अस्पताल सील होने से चिकित्साक संकट खड़ा होने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। कर्नाटक, दिल्ली और महाराष्ट्र ने दिशानिर्देश  भी जारी किए हैं। बाकी राज्य भी जल्द ही ऐसी घोषणा करेंगे।कई राज्यों में स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित मिलने के बाद पूरे अस्पताल सील किए जा रहे थे। मरीजों को कई किमी दूर अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा था। शिकायतों मिलने पर दिशानिर्देश दिए गए।

एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया ने केंद्र व राज्य सरकारों से अपील भी की, सैनिटाइजेशन के लिए पूरा अस्पताल सील न किया जाए। इस पर महाराष्ट्र व कर्नाटक व दिल्ली सरकार ने भी आदेश जारी कर दिए हैं। एसोसिएशन के महानिदेशक डॉ. गिरधर ज्ञानी बताते हैं कि स्वास्थ्यकर्मचारी, अस्पताल या अन्य चिकित्सीय सुविधाएं सीमित हैं।
ऐसे में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलूरू, चेन्नई सहित कई शहरों में एक-दो स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित मिलने पर अस्पतालों को सील कर  40-50 डॉक्टर,नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ को 14-14 दिन क्वारंटीन किया जा रहा। जबकि होना यह चाहिए कि 24 घंटे में इनकी जांच कराकर पॉजिटिव या निगेटिव को अलग करना चाहिए। साथ ही परिसर को इस तरह सैनिटाइज करना चाहिए ताकि अस्पताल की ओपीडी या भर्ती मरीज इससे प्रभावित न हो सकें।
खौफ से हो रही दिक्कत
अस्पतालों के सील होने की बड़ी वजह स्थानीय प्रशासन की ओर से जिम्मेदारी पूरा करना है। कोरोना को लेकर काफी दबाव होने से जिला अधिकारी कोई चूक नहीं चाहता हो। इसलिए पर्याप्त जानकारी न होने के चलते वह अस्पताल सील कर रहे हैं।
अस्पतालों को बंद करना उचित नहीं
राष्ट्रपति के पूर्व फिजिशियन डॉ. मोहशिन वाली बताते हैं कि कोरोना भय के चलते अस्पतालों को बंद करना उचित नहीं है। इस वक्त अस्पतालों की देश को सबसे ज्यादा जरूरत है। यह सच है कि लॉकडाउन के बाद से अस्पतालों में खाली बिस्तरों की संख्या बढ़ गई है लेकिन महामारी से लडने के लिए इन्हें तैयार रखना पड़ेगा।
आगरा से सैफई पहुंचा दिए गए मरीज
टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. गिरधर ज्ञानी ने बताया कि आगरा मेडिकल कॉलेज के मरीजों को 116 किमी दूर सैफई भेजा जा रहा है। इससे पहले उन्हें कभी सुनाई नहीं दिया कि 100 किलोमीटर दूर किसी शहर के अस्पताल में मरीजों को भेजा जा रहा हो। उन्होंने इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को जानकारी भी दी।

…तो इसलिए मरीजों को भर्ती करना कर दिया बंद
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, महाराष्ट्र में सात, बिहार में चार, कर्नाटक में छह, गुजरात में पांच, दिल्ली में 10, तमिलनाडु में पांच, आंध्र प्रदेश में दो अस्पताल सील किए गए। भय के चलते प्राइवेट अस्पतालों ने मरीज भर्ती करना बंद कर दिए या कोविड जांच पर जोर देने लगे। इसीलिए सरकार ने सख्त दिशा निर्देश जारी करते हुए अस्पतालों को बेवजह जांच न करते हुए मरीजों के उपचार पर जोर देने के लिए कहा है।

 

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