ओमीक्रोन वायरस: कनार्टक से 10 और आंध्र प्रदेश से 30 संदिग्ध लोग गायब हुए, चंड़ीगढ़ से भागी महिला पर एफआईआर

नई दिल्ली। दुनियाभर में नए वैरिएंट ओमीक्रोन को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मूड पर आ गई है। इस बीच खबर आई है कि कनार्टक से 10 ​संदिग्ध लोग लापता हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में भी ऐसे 30 लोगों की तलाश की जा रही है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में भी ऐसे 30 लोगों की तलाश की जा रही है। वहीं, कर्नाटक में ओमिक्रोन से संक्रमित मिले 2 में से एक व्यक्ति भी लापता है। राज्य सरकार के अनुसार, एक निजी लैब से कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट मिलने के बाद यह शख्स लापता हो गया। प्रशासन उन 10 लोगों को भी ढूंढ़ रहा है, जो हवाई अड्डे से गायब हो गए थे।

सचिव, स्वास्थ्य एवं नोडल अधिकारी, चंडीगढ़ यश पाल गर्ग ने बताया-एक महिला साउथ अफ्रीका से चडीगढ़ पहुंची थी, जिनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था, उन्हें 7 दिन क्वारंटीन किया गया था। 8वें दिन फिर से टेस्ट होना था, लेकिन वो घर पर नहीं मिली। उन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत FIR दर्ज़ की गई है।

चैनल न्यूज एशिया’ के हवाले से सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ओमिक्रोन से संक्रमित दो लोगों ने सिंगापुर से मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की थी। हालांकि उसने माना कि इसके अन्य वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक होने का कोई सबूत नहीं मिला है।

कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने 3 दिसंबर को टॉप अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इसमें लापता हुए लोगों को तत्काल ढूंढ़ने के निर्देश दिए गए। वहीं, बेंगलुरु महानगरपालिका के कमिश्नर गौरव गुप्ता ने बताया कि ये सभी लोग दक्षिण अफ्रीका से आए हैं। इन्होंने अपने फोन बंद कर रखे हैं। कर्नाटक सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत 15 जनवरी, 2022 तक सभी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में किसी तरह की कोई कल्चरल एक्टिविटीज नहीं होंगी। मॉल और थियेटर में भी उन्हें ही एंट्री मिलेगी्, जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए हैं।

जयपुर में भी एक ही परिवार के 4 लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद सरकार सतर्क हो गई है। ये पिछले हफ्ते ही दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे। ये 12 अन्य लोगों के भी संपर्क में आए थे। यानी कुल 9 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनके सैंपल ओमिक्रोन वैरिएंट की जांच के लिए भेजे गए हैं।

चंडीगढ़ में भी एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका से लौटी एक महिला होम क्वारेंटाइन का नियम तोड़कर फाइव स्टार होटल चली गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड 19 के नए वैरिएंट पर अक्सर पूछे जानेवाले प्रश्नों के उत्तर जारी किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड 19 के इस नए वेरिएंट को 26 नवंबर 2021 को ओमिक्रॉन (बी.1.1.529) के रूप में वर्गीकृत किया है।

यह सार्स-कोव-2 का एक नया वैरिएंट (संस्करण) है, जिसका पता हाल ही में 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका में चला। यहां इसे बी.1.1.1.529 या ओमिक्रॉन (अल्फा,बीटा,डेल्टा आदि जैसे ग्रीक अक्षरों पर आधारित) नाम दिया गया है। यह वैरिएंट बहुत बड़ी संख्या में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) दिखाता है, खासकर वायरल स्पाइक प्रोटीन पर यह 30 से अधिक, जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का प्रमुख लक्ष्य है।

ओमिक्रॉन में उत्परिवर्तन की बड़ी संख्या, जो पहले व्यक्तिगत रूप से बढ़ी हुई संक्रामकता और/या प्रतिरक्षा बचाव से जुड़ा हुआ है और दक्षिण अफ्रीका में इसके पॉजिटीव मामलों की संख्या में अचानक आई तेजी को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को एक चिंताजनक वेरिएंट (वीओसी) घोषित किया है।

सार्स-कोव-2 वैरिएंट के निदान का सबसे स्वीकृत और आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका आरटी-पीसीआर विधि है। यह विधि वायरस की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए वायरस में स्पाइक (एस), लिफाफा की तरह (ई) और न्यूक्लियोकैप्सिड (एन) आदि जैसे विशिष्ट जीन का पता लगाती है। हालांकि, ओमिक्रॉन के मामले में, चूंकि स्पाइक एस जीन बहुत अधिक उत्परिवर्तित होता है, कुछ प्राइमर ऐसे होते हैं, जिससे एस जीन की अनुपस्थिति का संकेत मिलता है (जिसे एस जीन ड्रॉप आउट कहा जाता है)। यह विशेष एस जीन ड्रॉप आउटअन्य वायरल जीन का पता लगाने के साथ-साथ ओमाइक्रोन की नैदानिक ​​विशेषता का भी पता लगाने में भी उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, ओमिक्रॉन वैरिएंट की अंतिम तौर पर पुष्टि के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग की आवश्यकता होती है।

हमें नए चिंताजनक वैरिएंट (वीओसी) को लेकर कितना चिंतित होना चाहिए?
डब्ल्यूएचओ कोविड​​​​-19 महामारी विज्ञान में संक्रमण क्षमता या हानिकारक परिवर्तन में वृद्धि; या विषैलापन में वृद्धि या नैदानिक ​​रोग प्रस्तुति में बदलाव; या सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों या उपलब्ध निदान, टीके, चिकित्सा विज्ञान की प्रभावशीलता में कमी का आकलन करने के बाद ही किसी वैरिएंट को चिंताजनक वैरिएंट (वीओसी) घोषित करता है।

हमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
इससे बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियां और उपाय पहले की तरह ही रहेंगे। अपने चेहरे पर ठीक तरीके से मास्क लगाना आवश्यक है, टीके की दोनों खुराकें लें (यदि अभी तक टीकाकरण नहीं किया गया है), एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच की दूरी (सामाजिक दूरी) बनाए रखें और जहां तक संभव हो घरों को अधिक से अधिक हवादार बनाए रखें।

क्या कोई तीसरी लहर होगी?
दक्षिण अफ्रीका के बाहर के देशों से ओमिक्रॉन के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं और इसकी विशेषताओं को देखते हुए, इसके भारत सहित और अधिक देशों में फैलने की आशंका है। हालांकि, मामलों में वृद्धि का पैमाना और परिमाण तथा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे होने वाली बीमारी की गंभीरता अब भी स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा, भारत में टीकाकरण की तेज गति और उच्च सेरोपोसिटिविटी(एंटी बॉडीज का बन जाना) के सबूत के रूप में डेल्टा संस्करण के उच्च जोखिम को देखते हुए रोग की गंभीरता कम होने का अनुमान है। हालांकि, वैज्ञानिक प्रमाण अब भी विकसित हो रहे हैं।

क्या मौजूदा टीके ओमाइक्रोन के खिलाफ काम करेंगे?
हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मौजूदा टीके ओमिक्रॉन पर असरदार नहीं होते हैं, लेकिन स्पाइक जीन पर रिपोर्ट किए गए कुछ उत्परिवर्तन मौजूदा टीकों की प्रभावकारिता को कम कर सकते हैं। हालांकि, टीका सुरक्षा रोग प्रतिकारक के साथ-साथ सेलुलर प्रतिरक्षा द्वारा भी है, जिसके अपेक्षाकृत बेहतर संरक्षित होने की उम्मीद है। इसलिए टीकों से अब भी गंभीर बीमारी से सुरक्षा मिलने की उम्मीद है और उपलब्ध टीकों के साथ टीकाकरण महत्वपूर्ण है। यदि पात्र हैं और टीका नहीं लगाया गया है, तो टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए।

वैरिएंट क्यों होते हैं?
वैरिएंट वायरस के विकास का सामान्य हिस्सा हैं और जब तक वायरस संक्रमण बढ़ाने, अपनी प्रतिकृति बनाने और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने में सक्षम है, तब तक वे विकसित होते रहेंगे। इसके अलावा, सभी वैरिएंट खतरनाक नहीं होते हैं और अक्सर हम उन्हें देख भी नहीं पाते हैं। उनका पता तभी चलता है, जब वे अधिक संक्रामक होते हैं, या लोगों को फिर से संक्रमित करने लगते हैं। वैरिएंट की वृद्धि को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम इसके संक्रमण को सीमित करना या उसकी संख्या को कम करना है।

 

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