बुलडोजर को लेकर फिर पॉलिटिक्स, जहांगीराबाद में नेताओं के टूर शुरू

नई दिल्ली। जहांगीरपुरी में अवैध अतिक्रमण हटाने का मामला गर्माया हुआ है। हनुमान जयंती पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर राजनीति अपने चरम पर है। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन तक के लिए ‘बुल्डोजर’ पर ब्रेक लगा दिए हों, लेकिन सियासत फुल स्पीड में है। शुक्रवार को TMC सहित कई पार्टियों के प्रतिनिधियों का जहांगीरपुरी दौरा शुरू हो गया है। हालांकि पुलिस उन्हें रोक रही है। यह तस्वीर twitter पर शेयर की गई है। 21 अप्रैल को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने जहांगीरपुरी में मुस्लिम घरों को तोड़े जाने के विरोध में यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 8 पर विरोध प्रदर्शन किया था।

TMC की फैक्ट फाइडिंग टीम जहांगीराबाद में लोगों से फीडबैक लेगी। मुस्लिम नेताओं के निशाने पर आने के बाद समाजवादी पार्टी भी सक्रिय हुई है। इस बीच जहांगीरपुरी पहुंचे विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के नेताओं को पुलिस ने अंदर जाने से रोक दिया। इस पर विहिप नेताओं ने नाराजगी जताई। प्रतिनिधिमंडल ने तर्क दिया कि वे सिर्फ 5 लोग मिलने आए थे, लेकिन रोक दिया गया। चूंकि हिंसा के बाद 22 अप्रैल को पहला जुमा है, इस वजह से कड़ी सतर्कता बरती जा रही है। जामा मस्जिद पहले ही ऐलान कर चुकी थी कि हालात के मद्देनजर नमाज के लिए बच्चों को साथ न लाएं। एरिया में भारी सुरक्षाबल तैनात है। दूसरी तरफ इलाके में CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। इससे पहले AIMIM के चीफ असद्दीन ओवैसी को भी लोगों से मिलने नहीं दिया गया था।

उधर, कर्नाटक के उडुपी में हिजाब पहनकर परीक्षा देने पहुंचीं दो छात्राओं को एंट्री नहीं दी गई। थोड़ी-बहुत बहस के बाद वे वापस घर लौट गईं। बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब पर बैन का जायज ठहराया था। हिजाब के मुद्दे पर भी कर्नाटक सहित कुछ राज्यों में हिंसा और प्रदर्शन हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बीच उत्तरी दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने एक वीडियो बाइट के जरिये स्पष्ट किया था कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। कोर्ट के आदेश के बाद होगी कोई कार्रवाई। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी। उसे रोका नहीं जाएगा।

 

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