पंजाब जहरीली शराब कांड: बीजेपी को SIT जांच पर ऐतराज, CBI को केस सौंपने की मांग

पंजाब जहरीली शराब कांड
पंजाब जहरीली शराब कांड

शिरोमणि अकाली दल के बाद सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जहरीली शराब कांड को लेकर प्रदेशव्यापी धरने-प्रदर्शन आयोजित किए. इन धरने प्रदर्शनों में भारतीय जनता पार्टी के सभी मोर्चे और उनके सदस्य शामिल हुए. पठानकोट में आयोजित भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन की अगुवाई राज्य पार्टी प्रमुख अश्विनी शर्मा ने की. अश्विनी शर्मा ने कहा कि पंजाब में जहरीली शराब से जितनी भी मौतें हुई हैं, उसके लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी सरकार जिम्मेदार है.

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अश्विनी शर्मा ने कहा कि इस कांड की जांच के लिए जो एसआईटी गठित की गई है, उससे पारदर्शिता की उम्मीद नहीं की जा सकती. इसलिए इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए. अश्विनी शर्मा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह असली दोषियों को बचाने में लगी हुई है क्योंकि शराब के धंधे में कांग्रेस के विधायक भी शामिल हैं. अश्विनी शर्मा ने कहा, “राज्य सरकार द्वारा मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी बिल्ली से दूध की रखवाली करवाने जैसा है. इसलिए जरूरी है कि जांच निष्पक्ष हो और इसे सीबीआई से या फिर किसी सिटिंग जज से करवाया जाए”.

शराब कांड के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग

पंजाब बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जहरीली और अवैध शराब के धंधे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कई करीबियों के नाम आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पंजाब में नशा खत्म करने के नाम पर सरकार बनाई थी लेकिन लॉकडाउन के दौरान घर-घर शराब पहुंचाई गई. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण के चलते ही राज्य में कई जगहों पर शराब के वैध और अवैध कारखाने चल रहे हैं जो सरकार की मंशा को जाहिर करते हैं.

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दूसरी ओर, बीजेपी ने राज्य के 117 विधानसभा क्षेत्रों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक जहरीली शराब कांड के पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा तब तक धरने प्रदर्शन जारी रहेंगे. बीजेपी नेताओं का आरोप है कि जहरीली शराब कांड से पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने कांग्रेस के विधायकों और उनके लिए काम करने वाले लोगों के नाम लिए हैं. बावजूद इसके सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

कांग्रेस विधायक का नाम लेने वाली पीड़िता को मुआवजा नहीं

जहरीली शराब कांड में अपने पति प्रकाश सिंह को गंवाने वाली 42 साल की सर्वजीत कौर ने आरोप लगाया है कि उनको कैप्टन सरकार द्वारा घोषित पांच लाख रुपये का मुआवजा नहीं मिला है. सर्वजीत कौर ने कहा है कि वह स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खडूर साहिब में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं जहां पीड़ितों को मुआवजे के चेक बांटे गए लेकिन जानबूझकर उन्हें चेक नहीं दिया गया. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसकी बहन कमलजीत कौर कांग्रेस विधायक रमनजीत सिंह सिक्की और उनके निजी सहायक के खिलाफ शराब माफिया को संरक्षण देने के आरोप लगाए थे जिसके चलते उनको मुआवजे की राशि नहीं दी गई.

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