राजस्थान: कैलाश मेघवाल के लेटर बम से क्यों हिली बीजेपी!

जयपुर। राजस्थान बीजेपी की सियासत में लेटर बम से दहशत है। यह बम फेंका तो विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया पर गया था लेकिन निशाने पर बीजेपी का पूरा प्रदेश नेतृत्व है। उससे भी बड़ी बात यह कि ये धमाका करने वाला पार्टी का न तो कोई साधारण विधायक है और न ही साधारण नेता। ये हैं राजस्थान बीजेपी के सबसे वरिष्ठ विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल। मेघवाल पिछले लंबे समय से वसुंधरा राजे के सबसे करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। राजे खेमे ने जब भी पार्टी में प्रतिद्वंदी नेताओं या प्रदेश नेतृत्व पर बड़ा निशाना साधा है तो उसकी अगुवाई 2018 से मेघवाल ही करते आ रहे हैं।

एक और बात यह भी है कि मेघवाल के पार्टी में किसी भी सियासी हमले से पहले राजे कैंप का बड़ा टारगेट और रणनीति रही है। ​इत्तेफाक भी देखिये कि पंचायत चुनाव में बीजेपी की शिकस्त के बाद जहां प्रदेश अध्यक्ष से लेकर संगठन के दूसरे नेता जीत का दावा करते रहे हैं, वसुंधराराजे ने ट्वीट कर हार को स्वीकार करके पार्टी को और मेहनत करने की सलाह दे डाली थी।

असली पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा गया
मेघवाल के पत्र के दो हिस्से हैं। एक प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को लिखा जिसमें कटारिया के खिलाफ विधायक दल की बैठक में निंदा प्रस्ताव लाने का जिक्र है। लेकिन असली पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा गया वो है। इस पत्र में भी दो निशाने हैं. एक कटारिया पर और दूसरा राजस्थान में पार्टी की अगुवाई कर रहे सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़ और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत पर. इसमें दो बातें अहम हैं। एक तो अकेले कटारिया को मेघवाल ने सीधे निशाने पर क्यों लिया? क्या सिर्फ मेघवाल की कटारिया के साथ दशकों से चली आ रही राजनीतिक प्रतिस्पर्धा है या वजह कुछ और भी है। जबाब है दोनों।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*