राम मंदिर भूमि पूजन: राम मंदिर से निकलेगा भाईचारे का संदेश—पीएम

लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर बनने का बरसों का इंतजार आज खत्म गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधिवत भूमि पूजा के बाद राम मंदिर की आधारशिला रखी. राम मंदिर के शिलान्यास समारोह का शुभ मुहूर्त 32 सेंकेड का था। 12 बजकर 44 मिनट 8 सेकेंड से लेकर 12 बजकर 44 मिनट 40 सेकेंड तक रहा। ठीक समय पर पीएम मोदी ने मंदिर के लिए पहली ईंट रखीं. आधारशिला रखने के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया. पीएम ने कहा कि बरसों तक रामलला टेंट के नीचे रहे. अब जल्द ही भव्य मंदिर बनेगा. राम मंदिर भारतीय संस्कृति का आधुनिक प्रतीक भी बनेगा. हमें आपसी प्रेम-भाईचारे के संदेश से राम मंदिर की शिलाओं को जोड़ना है।

प्रधानमंत्री के तौर पर आजादी के बाद पहली बार किसी नेता ने रामलला के दर्शन किए हैं। हालांकि, नरेंद्र मोदी से पहले इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते हुए अयोध्या का दौरा किया था, लेकिन उन्होंने रामजन्मभूमि से दूरी बनाए रखी थी।पहली बार नरेंद्र मोदी 1992 में अयोध्या आए थे। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री रहते हुए अयोध्या जिले में चुनावी जनसभा को संबोधित करने आए थे, लेकिन रामलला का दर्शन नहीं किया था। आज उन्होंने मंदिर की नींव रखी।

पीएम मोदी के भाषण बड़ी बातें
पीएम मोदी ने कहा कि भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए कि इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं. श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं. कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा. हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा।

पीएम मोदी ने यहां अपने संबोधन में कहा कि हमें आपसी प्रेम-भाईचारे के संदेश से राम मंदिर की शिलाओं को जोड़ना है, जब-जब राम को माना है विकास हुआ है जब भी हम भटके हैं विनाश हुआ है. सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है, सबके साथ से और विश्वास से ही सबका विकास करना है. कोरोना के कारण जैसे हालात हैं, राम के द्वारा दिया गया मर्यादा का रास्ता जरूरी है।

उन्होंने कहा- ‘भारत की आस्था, भारत के लोगों की सामूहिक शक्ति दुनिया के लोगों के लिए अध्य्यन और शोध का विषय है. श्री राम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अड़े रहना, इसलिए ही श्रीराम अमिट हैं. वो सदियों से भारत के लिए आस्था का प्रतीक बने हुए हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है. राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है. जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों।

पीएम मोदी ने कहा कि राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है. ये महोत्सव विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का है और नर को नारायण से जोड़ने का है. ये लोक को आस्था से जोड़ने का और वर्तमान को अतीत से जोड़ने का रंगोत्सव है वहीं स्वयं को संस्कार से जोड़ने का ये उत्सव है।

आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा प्रचलित है. मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी. आखिर राम सबके हैं, सब में हैं. तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या जिस देश में है वो है इंडोनेशिया और वहां रामायण के कई रूप देखने को मिलते हैं. वहां भी राम आराध्य के रूप में पूजे जाते हैं और लोगों की आस्था उनमें है. दुनिया के न जाने कितने छोर हैं जहां की आस्था में और न जाने कितने रूपों में राम को लोग आराध्य मानते हैं. ऐसे सभी देशों में राम मंदिर के निर्माण के शुरू होने से उत्साह है।

पीएम मोदी ने कहा- ‘मुझे विश्वास है कि यहां निर्मित होने वाला राम मंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा. ये मंदिर मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, राम सबके हैं, सबमें हैं।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इतने बड़े कार्य और राम मंदिर के शुभ भूमि पूजन के लिए उन्हें चुना। करोड़ों लोगों को इस बात का विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते-जी इस कार्य को शुरु होते हुए देख रहे हैं। राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है और आज पूरा भारत राममय हो गया है।

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