रामपुर सीट: 70 सालों में नहीं रहा कोई हिन्दू विधायक, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में आकाश सक्सेना ने बनाई पहचान

रामपुर। उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट में भारतीय जनता पार्टी के आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी को मात दे दी है। रामपुर उपचुनाव 2022 में घटनाओं के मोड़ ने हर किसी को हैरान कर दिया। सुबह से लगातार बढ़त बनाए रखने वाले आसिम रजा आखिरकार चुनाव हार गए। रामपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी के लिए बीस सालों से एक गढ़ सीट थी, जब से आजम खान ने 2002 में विधायक पद जीता था। भारतीय जनता पार्टी कभी भी रामपुर में प्रभुत्व स्थापित करने में सक्षम नहीं रही, जो उत्तर प्रदेश में एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। आसिम रजा ने आरोप भी लगाया कि लोगों को सपा के पक्ष में वोट डालने से रोका गया, इसलिए वह अंतिम दौर में हार गए।

रामपुर सीट से चुनाव लड़ने का आकाश सक्सेना का यह पहला प्रयास था और शुरुआती रुझानों में वह आसिम रजा से करीब दस हजार मतों से पीछे चल रहे थे। मगर वोटों की गिनती के आखिरी घंटों में आकाश सक्सेना ने रामपुर सीट से 33,000 वोटों से जीत हासिल की है। रामपुर एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है और पिछले 70 सालों में कभी भी एक भी हिंदु विधायक नहीं रहा। पिछले बीस सालों से आजम खान इस सीट पर हैं लेकिन हाल ही में उन्हें जेल जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसके कारण उपचुनाव हुए थे।

आकाश सक्सेना भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और उन्होंने पार्टी के इतिहास में रामपुर सीट पर दावा करके पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आकाश तो कई सालों से भाजपा के सदस्या हैं और पहली बार रामपुर से चुनाव लड़ रहे थे। उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं की है और साल 1996 में केवल 12वीं कक्षा पूरी की है। जारी हुई रिपोर्ट के अनुसार उनके पास अब तक पांच करोड़ रुपए की संपत्ति है और कई व्यवसाय हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।

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