रणजी ट्रॉफी में मचा दी धूम: एमएस धोनी के बाद टीम इंडिया को मिलेगा एक और टिकट कलेक्टर, जानिए

नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम में महेंद्र सिंह धोनी के क्या मायने है, ये बात किसी को बताने की जरूरत नहीं है. छोटे से शहर का एक साधारण सा लड़का कैसे अपनी मेहनत और संघर्ष के बूते क्रिकेट जगत की सबसे बड़ी हस्तियों में शुमार हो गया, ये कहानी भी किसी से छिपी नहीं है. यहां तक कि संघर्ष के दिनों में एमएस धोनी ने एक समय टिकट कलेक्टर का भी काम करने से परहेज नहीं किया था. टीम इंडिया के दरवाजे पर दस्तक देने की कोशिशों में अब एक और भी ऐसा खिलाड़ी जुटा है जो धोनी की ही तरह टिकट कलेक्टर का काम कर चुका है.

मुंबई के खिलाफ लिए छह विकेट
हरियाणा के तेज गेंदबाज हिमांशु सांगवान का नाम इस रणजी ट्रॉफी के सत्र से पहले तक शायद बहुत लोगों ने नहीं सुना था. मगर मुंबई के वानखेडे स्टेडियम पर उन्होंने अपने प्रदर्शन से अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाबी हासिल कर ली. ये हिमांशु का प्रदर्शन ही था, जिसकी वजह से रेलवे की टीम ने 41 बार की चैंपियन मुंबई को करारी शिकस्त दी. ये पहला मौका ‌था जब रेलवे ने मुंबई को रणजी ट्रॉफी में मात दी. इस मुकाबले में हिमांशु सांगवान ने छह विकेट लिए. 24 साल के हिमांशु की तेज गेंदबाजी ने सभी को प्रभावित किया. उन्होंने जो छह विकेट लिए, उनमें टीम इंडिया की टेस्ट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे और युवा आक्रामक बल्लेबाज पृथ्वी शॉ भी शामिल हैं.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कर चुके हैं टिकट कलेक्टर का काम
24 साल के हिमांशु सांगवान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर टिकट कलेक्टर का काम कर चुके हैं. उनके बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत रेलवे ने मुंबई पर शानदार जीत हासिल की थी. 41 बार की चैंपियन मुंबई को 114 रनों पर समेटने के बाद रेलवे ने कप्तान कर्ण शर्मा के नाबाद 112 रनों की बदौलत पहली पारी में 152 रनों की मजबूत बढ़त हासिल कर ली थी. इसके बाद पहली पारी में एक विकेट लेने वाले हिमांशु सांगवान ने दूसरी पारी में पांच विकेट लेकर मुंबई को 198 रनों पर समेटने में अहम भूमिका निभाई. जिससे रेलवे को आसान लक्ष्य मिला जिसे उसने दो विकेट खोकर हासिल कर लिया.

ग्लेन मैक्ग्रा से सीखे तेज गेंदबाजी के गुर
हिमांशु सांगवाल ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने गेंदबाजी के गुर ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा से सीखे. हिमांशु के अनुसार, ‘मैंने ग्लेन मैक्ग्रा से प्रेरणा ली है. वह मेरे आदर्श हैं. मैंने मार्च 2019 में एमआरएफ पेस फाउंडेशन में ग्लेन मैक्ग्रा से काफी कुछ सीखा. मैक्ग्रा मेरी गेंदबाजी के वीडियो देखते थे और मुझे बताते थे कि मुझे किन क्षेत्रों में सुधार करने की जरूरत है. वह महान खिलाड़ी हैं. उन्होंने मुझे एक जरूरी बात बताई कि जब भी आप मुश्किल में हों, बेसिक्स पर टिके रहो.’ सांगवान के अनुसार मैंने मैक्ग्रा की देखरेख में बहुत गेंदबाजी की. वह देखते और सेशन के बाद मुझे तकनीकी चीजों के बारे में जानकारी देते. उन्होंने मुझे धैर्य रखने और बेसिक्स पर टिके रहने की अनमोल सलाह दी. उनकी सलाह से मुझे रणजी ट्रॉफी में काफी फायदा हुआ.

7 मैचों में लिए 37 विकेट
हिमांशु सांगवान का ये पहला रणजी सत्र है और मुंबई से पहले यूपी के खिलाफ भी उन्होंने चार विकेट हासिल किए और उसके बाद सौराष्ट्र के खिलाफ भी दो विकेट लिए. मगर दिलचस्प बात है कि रणजी ट्रॉफी में आगाज करने से पहले हिमांशु सांगवान ने सीके नायडू ट्रॉफी के 7 मैचों में 37 विकेट हासिल किए थे. इसी प्रदर्शन का ईनाम उन्हें रणज ट्रॉफी की टीम में चुने जाने के रूप में मिला.

रहाणे और पृथ्वी शॉ को ऐसे फंसाया जाल में
हिमांशु सांगवान ने मुंबई की दूसरी पारी में अजिंक्य रहाणे और पृथ्वी शॉ समेत पांच विकेट लिए. उन्होंने बताया कि इन दोनों खिलाड़ियों को आउट करने की योजना के सा‌थ वो मैदान पर उतरे थे. सांगवान ने कहा, ‘टीम मीटिंग में कोच ने कहा था कि हम छिपे रुस्तम नहीं हैं. चाहे रहाणे हों या शॉ, हमें सही दिशा में गेंद फेंकनी होगी और हमने ऐसा ही किया. मैं जानता था कि पृथ्वी शॉ आक्रामक खिलाड़ी है, इसलिए मैंने विविधता के साथ गेंदबाजी की और गति परिवर्तन भी किया, जिसका फायदा भी मिला. वहीं रहाणे जब क्रीज पर आए तो हम जानते ‌थे कि वे दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं. मैंने उन्हें ऑफ स्टंप के बाहर गेंदें खिलाने की कोशिश की और हमारी योजना कामयाब भी रही.. ‘

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