रेस्टोरेंट, फैक्ट्री, स्कूलों को करवानी होगी पानी की जांच, क्या है शुद्ध पेयजल नियमावली

उत्तर प्रदेश में पाने वाले पानी के समस्य बेहद गंभीर है। जिसकी वजह से तमामा बीमारियां से लोग घिरते नजर आ रहे हैं। मोहल्लों मे गंदे पानी की सप्लाई होने के साथ-साथ होटल, रेस्टारेंट, गेस्ट हाउस समेत कई जगाहों पर पीने का साफ पानी नहीं मिलता है। इसको लेकर नगर निगम सख्त नियम लाने जा रहा है।

कानपुर नगर निगम ने पीने योग्य पानी की जांच के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए 30 जुलाई को नगर निगम सदन में रखा जाएगा। इसे लागू करने से पहले लोगों से आपत्ति और सुझाव भी मांगे जाएंगे। जिन प्रतिष्ठानों में 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, उन्हें पानी की जांच अनिवार्य रूप से करानी होगी।

प्रस्ताव के मुताबिक, इसे शुद्ध पेयजल एवं संभरण (मेंटेनेंस) नियमावली 2022 कहा जाएगा। इसके लागू होने के बाद पानी की जांच के लिए नगर निगम को 4500 रुपए देने होंगे। इसके अलावा पानी की जांच के लिए आवेदन के लिए 100 रुपए और सैंपल कलेक्शन के लिए 500 रुपए अलग से देने होंगे। कुल 5100 रुपए में नगर निगम पानी की जांच करेगा। शुद्ध पानी की जांच के लिए खुद से आवेदन किया जा सकेगा। इसके अलावा नगर निगम भी पानी की जांच के लिए औचक छापेमारी करेगा। पहली बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपए और दूसरी बार पकड़े जाने पर 20 हजार रुपए जुर्माना देना होगा।

पानी की शुद्धता का सर्टिफिकेट नगर निगम से हर साल लेना होगा। सर्टिफिकेट रिन्यूवल न कराने पर वार्षिक शुल्क का दोगुना जुर्माना देना होगा। अभी तक फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट द्वारा की पानी की जांच की जाती थी। प्रदेश में पहली बार कानपुर नगर निगम भी पानी की जांच करेगा। होटल, रेस्टारेंट, गेस्ट हाउस, बारातशाला, बैंक्वेट हॉल, सामुदायिक भवन, जिम, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, फैक्ट्री, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी समेत अन्य।

 

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