शर्मसार: एक स्कूल में चार साल की मासूम से डिजिटल रेप, बच्ची ने मां को बताई पूरी बात

उत्तर प्रदेश के जिले नोएडा से एक बार फिर शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। कोतवाली सेक्टर-39 क्षेत्र मे स्थित सेक्टर-37 के एक पब्लिक स्कूल में चार साल की मासूम बच्ची को डिजिटल रेप का शिकार बनाया है। बच्ची की मां ने थाने में इसकी शिकायत की है, जिसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में महिला ने बताया कि चार साल की बच्ची से सात सितंबर को किसी ने डिजिटल रेप किया है। तो वहीं दूसरी ओर बच्ची ने बताया कि उसके साथ स्कूल के वॉशरूम में किसी ने गंदा काम किया था।

जानकारी के अनुसार चार साल की बच्ची अपने परिवार के साथ सेक्टर-30 में रहती है। बच्ची जब घर पहुंची तो उसने प्राइवेट पार्ट में खुजली की शिकायत की। मां ने जब वहां पाउडर लगाने की कपड़ा हटाया तो देखकर दंग रह गई। उसके प्राइवेट पार्ट पर घाव के निशान थे। महिला ने बेटी से पूछा तो बच्ची ने बताया कि स्कूल में गंदा काम किया गया है। मासूम की मां ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह सेक्टर-37 के निजी स्कूल में पढ़ती है और आरोप लगाया कि बेटी जब स्कूल गई थी तो युवक ने उसके साथ डिजिटल रेप किया।

इस मामले में एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि महिला की शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज कर बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। उसके शरीर में कहीं और इंज्यूरी नहीं मिली है। वहीं पुलिस ने स्कूल में तैनात स्टाफ व शिक्षकों से इस बारे में पूछताछ की है। इसके साथ ही स्कूल में सात और आठ सितंबर की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। स्कूल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जब जांच की गई तो सात और आठ सितंबर को बच्ची स्कूल के अंदर अकेली जाती दिख रही है। फिलहाल पुलिस घटना की जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद ही मामले की स्पष्ट रिपोर्ट सामने आएगी।

डिजटिल रेप को सुनते ही ऐसा लगता है कि डिजिटली या वर्चुअली किया गया सेक्सुअल अपराध नहीं बल्कि यह वह अपराथ है जिसमें रिप्रोडिक्टिव ऑर्गन की जगह किसी की मर्जी के बिना उंगलियों या हाथ-पैर के अंगूठे से जबरन पेनेट्रेशन किया गया हो। इस डिजिट शब्द का अर्थ है कि इंग्लिश के फिंगर, थंब या पैर के अंगूठे से है। इसी वजह से इसको डिजिटल रेप कहा जाता है। साल 2012 से पहले देश में डिजिटल रेप को ऑनलाइन छेड़खानी समझा जाता था लेकिन निर्भया काण्ड के बाद देश की संसद में नए दुष्कर्म लॉ को पेश किया गया और इसे यौन अपराध मानते हुए सेक्शन 375 और पॉक्सो एक्ट की श्रेणी में रखा गया है।

 

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