डॉक्टरों की शर्मनाक हरकत, एक पिता बेटे को भर्ती कराने के लिए मिन्नतें करता रहा, दिल तक नहीं पसीजा

उत्तर प्रदेश के जिले चित्रकूट से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर डॉक्टरों के द्वारा इस हरकत से हर कोई दंग है। डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रुप कहा जाता है लेकिन यहां तो संवेदनहीनता की सारी हदें ही पार कर दी। डॉक्टरों के इस बर्ताव की हर तरफ आलोचना हो रही है। दरअसल तेज बुखार से पीड़ित युवक घंटों अस्पताल की फर्श में तड़पता रहा और उसके परिजन डॉक्टरों से हाथ जोड़कर उसको भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे, मिन्नतें करते रहे लेकिन डॉक्टरों का दिल तक नहीं पसीजा।

जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां धर्मपुर गांव के रहने वाले कल्लू नाम के युवक को तेज बुखार था। पीड़ित के इलाज के लिए उसके पिता गोपाल सुबह दस बजे ही यहां आ गए। पीड़ित युवक का पिता डॉक्टरों के सामने बेटे को भर्ती कराने के लिए गिड़गिड़ाने लगा लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। पिता इतना मजबूर था कि पीड़ित बेटे को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए गेट के बाहर लिटाकर डॉक्टरों के सामने गुजारिश कर रहा था लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्यकर्मियों ने उसको अस्पताल में भर्ती करने की जहमत तक नहीं उठाई।

युवक तेज बुखार से तड़पता अस्पताल के गेट के बाहर ही अपनी मां के गोद में फर्श पर लेटा रहा और पिता एडमिट करवाने के लिए डॉक्टरों के चक्कर काटता रहा। कई घंटों के बाद भी जब युवक भर्ती नहीं हुआ तो कुछ मीडियाकर्मियों ने इसका वीडियो बनाकर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की। उसके बाद आनन-फानन में डॉक्टरों ने चार घंटे के बाद उसका प्राथमिक इलाज करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं कुछ घंटे बाद फिर से लिखित में युवक को जिला अस्पताल में रेफर कर दिया।

 

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