भाजपा को झटका, शिवसेना ने छोड़ा साथ, जानिए वजह

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव  होने वाले हैं। चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही हंगामा शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि वर्षों से मित्रता निभा रही भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच दरार आ गई है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत के बाद बीजेपी ने शिवसेना से हुए 50-50 सीट के करार को नजरअंदाज कर दिया है। भाजपा चाहती है कि वे महाराष्ट्र से ज्यादा सीट से चुनाव लड़े, वहीं शिवसेना 50-50 सीट वाले फॉर्मूले पर ही टिकी हुई थी, इसीलिए अब कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ेगी।

भाजपा से अलग हुई शिवसेना!

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच शिवसेना राममंदिर समेत हिंदुत्व जैसे मुद्दों को लेकर मुखर हो गई है। शिवसेना अब सीधे भाजपा पर निशाना साध रही है। हर बार भाजपा के काम का बखान करने वाली शिवसेना ने अब राम मंदिर को लेकर सरकार के काम की आलोचना कर रही है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी नेताओं के बड़बोलेपन की आलोचना की है।

सामना के संपादकीय में लिखा है, ”प्रधानमंत्री मोदी ने नासिक में राम मंदिर के बारे में जोरदार मार्गदर्शन किया है. राम मंदिर का पेंच फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में फंसा है। हर दिन सुनवाई हो रही है। आगामी दो महीने में राम मंदिर पर फैसला आना अपेक्षित है। प्रधानमंत्री को ऐसा लग रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कानूनी प्रक्रिया से हो इसलिए न्यायालय पर विश्वास रखो। प्रधानमंत्री ने ठीक ही कहा है कि राम मंदिर का मुद्दा न्यायालय में है और कुछ ‘बड़बोले’ तथा ‘बयान बहादुर’ निरर्थक चर्चा कर रहे हैं। अब ये बड़बोले कौन हैं? इस पर ‘बयानबाजी’ शुरू हो गई है। जब से मोदी सत्ता में आए हैं, उन्हें सबसे ज्यादा तकलीफ अपनी ही पार्टी के बड़बोलों से हो रही है।”

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