रोपवे की शॉकिंग तस्वीर: हवा में 45 मिनट अटकी रही ट्रॉली, यूं लटककर उतरे 10 लोग

नैनीताल। झारखंड के देवघर में पिछले दिनों हुए रोप-वे हादसे के बाद देशभर में इस सिस्टम को तकनीकी और रेस्क्यू के तौर जांचा-परख जा रहा है। इसी सिलसिले में उत्तराखंड के नैनीताल में मॉड ड्रिल की गई। कुमाऊं मंडल विकास निगम ने बुधवार को यह मॉकड्रिल किया। इस दौरान रोपवे में फंसे 10 लोगों को रस्सी के सहारे पहाड़ी पर सुरक्षित उतारा गया। निगम प्रबंधन ने दावा है कि उनके रोपवे में कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं मिली। अगर फिर भी ऐसी कोई दिक्कत आई, तो उनके पास रेस्क्यू टीम मौजूद है।

बुधवार को शासन के निर्देश पर मल्लीताल में केएमवीएन के रोपवे में मॉक ड्रिल रखी गई थी। इसमें रोपवे के 10 तकनीकी स्टाफ समेत मैनेजर शिवम शर्मा शामिल थे। मॉक ड्रिल सुबह 9 बजे से शुरू हुई। यह करीब 45 मिनट चली। इस दौरान ट्राली को हवा में रोक दिया गया, मानों कोई तकनीकी खराबी के कारण ऐसा हुआ हो। उसके बाद ट्रॉली में सवार लोगों का रेस्क्यू किया गया। वे रस्सी के सहारे हवा में लटके रहे। केबिन ऑपरेटर के साथ रेस्क्यू टीम ने ट्राली से लोगों को पहाड़ी पर सुरक्षित उतारा।

यह रोपवे करीब 700 मीटर लंबा है। 2015 व 2019 में इसमें पर्यटक फंस चुके हैं। उन्हें बड़ी मुश्किल से रेस्क्यू किया गया था। देवघर रोपवे हादसे के बाद इसे तकनीकी तौर पर परखा गया। वहीं, रेस्क्यू कैसे किया जाएगा, वो भी मॉक ड्रिल हुआ। बता दें कि देवघर में आर्मी, एयरफोर्स और ITBP के जवानों ने हेलिकॉप्टर की मदद से 2500 फीट ऊंचाई पर लटकी जिंदगियों को खतरे से बाहर निकाला था।

बता दें कि देश के पहाड़ी इलाकों में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए केंद्र सरकार रोपवे(Ropeways) विकसित करने जा रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 केंद्रीय बजट में यह घोषणा की थी। सड़क परिवहन मंत्रालय पर्वतमाला नामक राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम शुरू कर रहा है। इसके लिए फरवरी 2021 में भारत सरकार (व्यवसाय का आवंटन) नियम 1961 में संशोधन किया गया था। यह मंत्रालय को रोपवे और वैकल्पिक परिवहन के विकास की देखभाल करने में सक्षम बनाता है। क्लिक करके पढ़ें यह खबर

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