धीरे-धीरे मजा आने लगा’, पढ़ें कैसे 19 साल के IIT स्‍टूडेंट ने 50 से ज्‍यादा लड़कियों की जिंदगी तबाह कर दी?

ठीक दो महीने पहले, 8 अगस्‍त को दिल्‍ली पुलिस के पास एक शिकायत आई। नॉर्थ दिल्‍ली के एक स्‍कूल की लड़कियों और टीचर्स को कोई ऑनलाइन परेशान कर रहा था। वॉट्सऐप पर अश्‍लील मेसेज आते, सोशल मीडिया पर मॉर्फ्ड तस्‍वीरें भेजी जातीं। टीचर्स के पास इंटरनैशनल नंबर्स से गंदे-गंदे कॉल्‍स आ रहे थे। स्‍कूल ने यह भी कहा कि यह बंदा ऑनलाइन क्‍लासेज में बिना एडमिनके अप्रूवल के ऑनलाइन क्‍लासेज में घुस जाता था। पीड़‍ितों से पूछताछ के बाद साइबर सेल ने कड़‍ियां जोडनी शुरू कीं।

पूरे कांड के पीछे 19 साल का एक लड़का निकला। महावीर कुमार… यही नाम है उसका। पुलिस के अनुसार, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (IIT) खड़गपुर से स्‍नातक की पढ़ाई कर रहे महावीर ने 50 से ज्‍यादा टीचर्स और स्‍टूडेंट्स को निशाना बनाया।

धीरे-धीरे महावीर को मजा आने लगा था…

  • पुलिस के मुताबिक, करीब तीन साल पहले महावीर का स्‍कूल में पढ़ने वाली किसी लड़की से ऑनलाइन संपर्क हुआ। दोनों के बीच दोस्‍ती हुई और महावीर को वह पसंद आ गई।
  • बाद में उसने इंस्‍टाग्राम पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर उस स्‍कूल की और लड़कियों से कॉन्‍टैक्‍ट किया।
  • फिर महावीर ने उनकी तस्‍वीरों से छेड़छाड़ की और ब्‍लैकमेल करना शुरू कर दिया।
  • उसने लड़कियों ने टीचर्स का नंबर मांगा। ऑनलाइन क्‍लासेज में वेब लिंक्‍स शेयर करने के लिए मजबूर किया।
  • महावीर क्‍लासेज के दौरान अश्‍लील कंटेंट शेयर करने लगा था। शुरू में स्‍कूल ने इसे शरारत समझकर कुछ स्‍टूडेंट्स के खिलाफ ऐक्‍शन भी लिया। मगर जब फिर ऐसी घटनाएं होने लगीं तो मुकदमा दर्ज कराया गया।

IP एड्रेस से मिली महावीर की लोकेशन
स्‍कूल की शिकायत पर पुलिस ने इंडियन पेनल कोड (IPC) और POCSO ऐक्‍ट तथा IT ऐक्‍ट के तहत केस दर्ज किया। डीसीपी (नॉर्थ) सागर सिंह ने बताया, ‘स्‍कूल से मिले सुरागों के आधार पर हमारी टीम ने काम शुरू किया। पीड़‍ितों, टीचर्स और पेरेंट्स से पूछताछ के बाद हमने 33 वॉट्सऐप वर्चुअल नंबर्स, 5 इंस्‍टाग्राम प्रोफाइल्‍स और फेक कॉलर आईडी के जरिए कई कॉल्‍स की पहचान की। हमने वॉट्सऐप, इंस्‍टाग्राम और फेक ईमेल आईडी के आईपी डीटेल्‍स को एनालाइज किया। अपराधी की पहचान पटना में रहने वाले महावीर के रूप में हुई।’

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ऐप्‍स से बनाईं मॉर्फ्ड तस्‍वीरें, सोशल मीडिया पर डालीं
डीसीपी के मुताबिक, मोबाइल नंबर्स की जांच करते समय पता चला कि एक नंबर से किसी पीड़‍िता को तीन साल पहले कॉल आया था। उसी नंबर पर बने प्रोफाइल्‍स से इस लड़की को स्‍टॉक किया गया। पटना से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने महावीर से पूछताछ की तो उसने गुनाह कबूल लिए।

एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, ‘महावीर ने अपनी पहचान छिपाने के लिए कॉल पर आवाज बदलने वाली ऐप्‍स का इस्‍तेमाल किया। वह ऐप के जरिए ही पीड़‍िताओं की न्‍यूड तस्‍वीरें मॉर्फ करता था और फिर उन्‍हें उनके नाम पर बनाईं फेक इंस्‍टाग्राम प्रोफाइल्‍स पर अपलोड की जाती थीं। महावीर के मोबाइल फोन से कई अश्‍लील फोटोज और वीडियोज मिले हैं।

लड़कियों को यूं परेशान करके मिलता था ‘मजा’
पुलिस के मुताबिक, महावीर ने किसी तरह की वसूली नहीं की। उसने दावा किया कि यह सबकुछ उसने मजे के लिए किया। पुलिस के अनुसार, ‘हमने सोशल मीडिया अकाउंट्स चेक किए तो पाया कि वह लोगों को फोन नंबर्स बताने के लिए ब्‍लैकमेल करता था ताकि उन्‍हें यूज कर सके। हालांकि कोई वित्‍तीय लेन-देन नहीं हुआ।’ एक अन्‍य अधिकारी के अनुसार, ‘महावीर ने दावा किया कि उसे एक लड़की पसंद थी मगर बाद में उसने और दोस्‍तों की तलाश में इंस्‍टाग्राम पर फेक आईडी बनानी शुरू कर दीं।’

IIT-Kharagpur

अपनी पहचान छिपाने के लिए महावीर ने वॉयस चेंजिंग ऐप का इस्‍तेमाल करता था।

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