चार करोड़ की सोलर स्टीट लाइटें नहीं दे रही रोशनी

अटल ज्योति योजना में लगाई गईं चार करोड़ रुपये की सोलर स्टीट लाइटें रोशनी नहीं दे पा रही हैं। जांच में 30 प्रतिशत लाइटें खराब पाई गई हैं, जो जल भी रहीं थीं, वे रात में ठीक से काम नहीं कर पा रही हैं। डीएम ने धनराशि देने पर रोक लगा दी है।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, नई दिल्ली ने यूपी सहित पांच राज्यों में अटल ज्योति योजना के तहत सोलर स्टीट लाइटें लगाने की कार्ययोजना तैयार की थी। सांसद हेमा मालिनी के प्रयास से मथुरा जनपद को 2000 सोलर लाइटें मिली थीं। इन सोलर स्टीट लाइटों को लगाने का जिम्मा ईईएसएल संस्था नोएडा को दिया था। संस्था सोलर लाइटें लगाने का कार्य करती है।

शिकायत पर हुई जांच

डीएम को तहसील दिवस में शिकायतें मिली थीं कि अटल ज्योति योजना में लगाई गईं सोलर लाइटें बंद पड़ी हैं। सीडीओ पवन गंगवार ने डीआरडीए जेई अनिल अग्रवाल को जांच प्रभारी बनाकर सोलर लाइटों की स्थलवार रिपोर्ट तैयार कराई। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि लगाई गई सोलर लाइट में 30 प्रतिशत लाइटें बंद पड़ी हुई हैं। अन्य लाइटें जल तो जाती हैं, लेकिन रात में बदं हो जाती हैं। उनका बैटरी बैकअप ठीक नहीं है। डीएम ने सांसद निधि से दी जाने वाली धनराशि पर रोक लगा दी है। संस्था को खराब सोलर लाइटों को ठीक कराने को कहा गया है। मिनिस्ट्री को भी पत्र भेजा गया है।

ऐसे मिलनी थी धनराशि

ईईएसएल संस्था को मथुरा में 4 करोड़ रुपये से 2000 स्टीट स्टीट लाइटें लगानी थीं। प्रति लाइट 20 हजार रुपये भुगतान होना था। संस्था को मिनिस्ट्री ऑफ नेचुरल नवीनीकृत मंत्रालय नई दिल्ली(एमएनआरई) से पहले ही चक्र में तीन करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। संस्था को एक करोड़ रुपये का भुगतान सांसद निधि से दिया जाना था। सांसद हेमामालिनी ने सांसद निधि से एक करोड़ रुपये देने की संस्तुति भी कर दी थी। संस्था ने पहले चक्र में 1500 सोलर लाइटें ही लगाई थीं।

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