कामयाबी की कहानी: बेटी ने किया ऐसा कमाल, अमेरिका की कंपनी ने दे डाला 44 लाख का पैकेज

भारतीय स्टूडेंट आज अपनी काबिलयत से पूरी दुनिया में डंका बजाते हुए देश का नाम रोशन कर रहे हैं। कुछ ऐसी ही काहनी राजस्थान के कोटा से सामने आई है। जहां राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी की एक छात्रा प्रियंका को अमेरिकन कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने 44 लाख का पैकेज ऑफर किया है। बताया जा रहा है कि राजस्थान में पिछले चार सालों में किसी इंजीनियरिंग स्टूडेंट को इतना बड़ा पैकेज नहीं मिलास जितना प्रियंका को मिला है। आइए जानते हैं इस कामयाब लड़की की सफलता की कहानी…

दरअसल, अमेरिकन कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में 44 लाख का पैकेज मिलने वाली प्रियंका मूल रूप से सुजानगढ़ (चूरू) की रहने वाली है। लेकिन प्रियंका इस समय पुणे में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में इंटर्नशिप कर रही हैं। वहीं उसका पूरा परिवार पिछले कई सालों से नेपाल के काठमांडू शहर में रह रहा है। प्रियंका के पिता चंद्रप्रकाश लाहोटी का नेपाल में कपड़ों का बिजनेस है।

बता दें कि प्रियंका अपनी पढ़ाई करने के लिए नेपाल से कोटा थी। प्रियंका ने बताया कि वह साल 2016 में जेईई की तैयारी के लिए कोटा आई थी। इस दौरान उसने यहां रहकर कोचिंग की, लेकिन जेईई मेन्स तो क्लियर कर लिया, लेकिन एडवांस क्रेक नहीं हो सका। जब एडवांस क्लियर नहीं हुआ तो वह टेंशन में आ गई और उसने फील्ड बदलने का मन बना लिया। वहीं अपने फैसले के बार में माता-पिता को बताया। वहीं परिवार ने प्रियंका को मोटिवेट किया और ज्यादा मेहनत करने की सलाह देते हुए धेर्य रखने के लिए कहा।

प्रियंका ने बताया कि उसने 2018 में आरटीयू में एडमिशन लेकर कंप्यूटर साइंस में बी.टेक की पढ़ाई शुरू कर दी। इस दौरान प्रियंका ने यूनिवर्सिटी को टॉप भी किया। प्रियंका ने कहा कि उसके इस प्लेसमेंट में आरटीयू की प्लेसमेंट सेल, वहां के टीचर और परिवार का बड़ा मोटिवेशन रहा है।

अपनी इस कामयाबी पर प्रियंका ने बताया कि कई बार आपके जीवन में असफलता बार-बार आती है। लेकिन लगातार मेहनत करें तो सफलता भी जरूर मिलती है। कभी निराश नहीं होना चाहिए। साथ ही कॉलेज में पढ़ाए गए सब्जेक्ट को कभी लाइटली नहीं लेना चाहिए। क्योंकि वहां पढ़ाया हुआ ही आपको आगे काम आता है। इसके अलावा डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम का बेसिक नॉलेज जरूरी है, जो इंटरव्यू में बहुत काम आया।

प्रियंका का कहना है कि हर मुश्किल वक्त में आप अपने परिवार को शामिल करें। क्योंकि मोटिवेशन के लिए फैमिली सपोर्ट को सबसे जरूरी होता है। एक वक्त जब मैं डिप्रेश हो गई थी, तो परिवरा की सलाह और हिम्मत के दम पर दोबारा मेहनत शुरू की और सफलता प्राप्त कर ली।

 

 

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