सुप्रीम कोर्ट: फैसले के बाद भावुक हुए रतन टाटा, लिखी दिल की बात और कहा- हारने या जीतने का…

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा संस लिमिटेड और शापूरजी पलोनजी ग्रुप के साइरस मिस्त्री के मामले पर आज अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले पर चेयरमैन रतन टाटा का ​रिएक्शन आया है। उन्होंने कोर्ट के फैसले
की सराहना की।

रतन टाटा ने ट्वीट कर लिखा कि यह जीत और हार की बात नहीं थी। मेरे ग्रुप की ईमानदारी और नैतिकता को लेकर लगातार हमले किए गए। यह फैसला इस बात को साबित करता है कि टाटा संस अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर हमेशा अडिग रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि ये हमारी न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्रदर्शित करता है।

जानें क्या कहा आज सुप्रीम कोर्ट ने?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को कंपनी का दोबारा चेयरमैन नियुक्त करने का NCLAT का फैसला पलट दिया। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने कहा कि साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाना सही है। शीर्ष अदालत कहा कि शेयर से जुड़े मामले को टाटा और मिस्त्री दोनों ग्रुप मिलकर सुलझाएं। बता दें कि टाटा संस ने इस फैसले खिलाफ याचिका दायर की थी।

2016 में टाटा ने मिस्त्री को टाटा सन्स से हटाया था
बता दें कि 24 अक्टूबर साल 2016 में टाटा ग्रुप ने सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पोस्ट से हटाया था। उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया। टाटा सन्स का कहना था कि मिस्त्री के कामकाज का तरीका टाटा ग्रुप के काम करने के तरीके से मेल नहीं खा रहा। NCLAT ने अपने ऑर्डर में 24 अक्टूबर 2016 के फैसले को अवैध बताया जिसमें मिस्त्री को डायरेक्टर और चेयरमैन पद से हटाया गया था। ट्राइब्यूनल का कहना है कि यह फैसला गलत ढंग से लिया गया है लिहाजा अब मिस्त्री को बहाल कर दिया गया है। ट्राइब्यूनल ने यह भी कहा कि टाटा संस के नए चेयरमैन के तौर पर एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति इलीगल है। इस फैसले को लागू करने में 4 हफ्ते का वक्त दिया गया है ताकि टाटा ग्रुप अपील कर सके। बता दें कि टाटा ग्रुप के 150 से अधिक सालों को इतिहास में साइरस मिस्त्री छठे चेयरमैन थे। दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट लिया था जिसके बाद साइरस मिस्त्री चेयरमैन बनाया गए।

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