शिक्षक भर्ती घोटालाः एक फ्लैट में अर्पिता ने सिर्फ डॉग्स पाले हैं, जिनसे खेलने अक्सर पार्थ चटर्जी आते थे

पश्चिम बंगाल की राजनीति में बवंडर लाने वाले शिक्षक भर्ती घोटाला में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी से जुड़े एक के बाद एक नए खुलासे से ममता सरकार टेंशन में है। पार्थ की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ममता ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। इस बी अर्पिता के यहां पड़े छापे में अब तक 50 करोड़ से अधिक कैश और 5 करोड़ से अधिक का सोना बरामद हो चुका है।

अर्पिता मुखर्जी के पास 4 कारें हैं, जो अब ईडी के रडार पर हैं। ये कारें दक्षिण कोलकाता के फ्लैट की पार्किंग से उस समय गायब हो गई थीं, जब यहां पहली छापेमारी की गई थी। गायब हुईं कारों की लिस्ट में एक मर्सिडीज, एक ऑडी और दो होंडा सिटी शामिल हैं। हालांकि 5वीं कार जो बेसमेंट में थी, उसे म्क् ने जब्त कर लिया है।

ईडी की जांच में पता चल है कि अर्पिता मुखर्जी दो कंपनियों-सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और एचे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर रह चुकी हैं। सेंट्री इंजीनियरिंग का रजिस्ट्रेशन 16 जनवरी 2001 को हुआ था। जबकि एचे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन 29 अक्टूबर 2014 को हुआ था। सेंट्री विशेष मशीनरी का निर्माण करती है। इसकी अथॉराइज्ड शेयर कैपिटल या पूंजी 10 लाख है। जबकि म्बीींल म्दजमतजंपदउमदज को 1 लाख की शेयर पूंजी के साथ एक कमर्शियल फर्म के रूप में रजिर्स्ड कराया गया है।

सेंट्री इंजीनियरिंग के नाम पर रजिस्टर्ड लैंड पर अब तीन मंजिला बिल्डिंग है, जिसे एक निजी अस्पताल को किराए पर दिया गया है।  मीडिया का दावा है कि यह खुलासा उसने किया है। अर्पिता मुखर्जी के टॉलीगंज फ्लैट इन दोनों कंपनियों के नाम से आफिसियली तौर पर रजिस्टर्ड हैं। जिस फ्लैट से 21 करोड़ रुपए मिले थे, वह सेंट्री इंजीनियरिंग के नाम पर है। एक अन्य कैम्पस में तीन अपार्टमेंट यूनिट हैं, जो म्बीींल म्दजमतजंपदउमदज के नाम से रजिस्टर्ड हैं टॉलीगंज के फ्लैट यूनिट के मेंटेनेंस का बिल और एलपीजी बिल पेंडिंग हैं।

उन तीन फ्लैट यूनिट में से एक (जहां से 21 करोड़ की वसूली नहीं की गई थी) एक दर्जन कुत्तों के लिए रिजर्व है। इनमें रॉटवीलर, गोल्डन रिट्रीवर्स, फ्रेंच बुलडॉग, पग और लैब्राडोर शामिल हैं। रेजिडेंट्स एसोसिएशन के एक मेंबर ने कहा कि पार्थ चटर्जी अकसर पालतू जानवरों के साथ समय बिताने आते थे।

अर्पिता मुखर्जी बंगाल की मॉडल और छोटी-मोटी एक्ट्रेस रही हैं। अर्पिता ने 2008 से 2014 तक कुछ बंगाली और उड़िया फिल्मों में काम किया है। इसी बीच, 2010 में उनकी मुलाकात मंत्री पार्थ चटर्जी से हुई। इसके बाद अर्पिता कई मौकों पर अक्सर पार्थ के साथ देखी जाती थीं।

पार्टी और मंत्री पद से हटाए जाने के एक दिन बाद पार्थ चटर्जी ने दावा किया कि वह एक साजिश के शिकार हैं। हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि वह अकेले ही अपने भाग्य के लिए जिम्मेदार हैं। स्कूल भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार 69 वर्षीय नेता फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं।

शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके जोका में ईएसआई अस्पताल ले जाने के बाद जब मेडिकल चेक-अप के लिए व्हीकल से उतरे और पत्रकारों ने उनसे संपर्क किया, तो चटर्जी ने कहा कि वह सिर्फ एक साजिश का शिकार हुए हैं। बाद में अस्पताल से बाहर निकलते समय उन्होंने कहा कि समय बताएगा कि क्या टीएमसी द्वारा उनके खिलाफ की गई कार्रवाई उचित थी? यह फैसला (मुझे निलंबित करने का) निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकता है, यह तो वक्त ही बताएगा कि फैसला सही था या गलत।

 

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