22 करोड़ श्रीलंकाइयों का खून खौला, सत्यानाश हुआ अच्छा भला देश!

कोलंबो। श्रीलंका में पहली बार इतने भयंकर अराजकता के हालात पैदा हुए हैं। महंगाई के खिलाफ जैसे पूरा देश सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया है। करीब 22 करोड़ की आबादी वाले श्रीलंका में हर चीज की रेट आसमान को छू रही है। लोगों के हिंसक विरोध को देखते हुए श्रीलंका में इमरजेंसी लगा दी गई है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल को एक असाधारण राजपत्र जारी किया, जिसमें सार्वजनिक आपातकाकी स्थिति घोषित की गई। इसमें कहा गया कि यह निर्णय सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा और समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के रखरखाव के हित में लिया गया है। मौजूदा आर्थिक संकट के खिलाफ मिरिहाना में राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे के आवास के पास बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के लगभग 24 घंटे बाद यह कदम उठाया गया है। इस बीच श्रीलंका के हालात सोशल मीडिया पर ट्रेंड में हैं। देखिए कुछ तस्वीरें और जानिए मौजूदा हाल…

पहली तस्वीर स्वर्णविहिनी टीवी पत्रकार संजीवाकी है, जो प्रदर्शन का कवरेज करने गए थे। उनकी पुलिस ने पिटाई कर दी। पुलिस ने 4 अन्य जर्नलिस्ट को गिरफ्तार किया है। वहीं, संजीवा को अस्पताल तक नहीं जाने दिया गया। दूसरी इमेज एक महिला पर बनाई गई है, जो अपने बच्चे के साथ प्रदर्शन में शामिल हुई थी।


गुरुवार (31) की रात मिरिहाना में राष्ट्रपति आवास के पास हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर गिरफ्तार किए गए 15 व्यक्तियों को गंगोडाविला मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। संदिग्धों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि मजिस्ट्रेट प्रसन्ना अलविस ने पाया कि पुलिस की रिपोर्ट संदिग्धों के खिलाफ अपराध का खुलासा करने में विफल रही है।

न्यूज 1(News 1st) की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने मोरातुवा के मेयर समन लाल फर्नांडो(Moratuwa Mayor Saman Lal Fernando) के आवास पर पथराव किया गया। हालांकि मोरातुवा के गाले रोड पर चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पहले ही पुलिस को बुला लिया गया था।’

श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रोहिणी मरासिंघे( ने 1 अप्रैल को जोर देकर कहा है कि मिरिहाना में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के निजी आवास के बाहर गुरुवार के विरोध प्रदर्शन में गिरफ्तार किए गए लोगों पर आतंकवाद रोकथाम अधिनियम(Prevention of Terrorism Act-PTA) के तहत आरोप नहीं लगाया जा सकता है।\

बता दें कि पुलिस ने एक महिला सहित 53 लोगों को हिरासत में लिया था। मिरिहाना की भीड़ ने सेना और पुलिस की दो बसों, एक पुलिस जीप, दो ट्रैफिक बाइक और दो तिपहिया वाहनों सहित कई वाहनों में आग लगा दी। पुलिस ने अनुमान लगाया कि संपत्ति की कीमत 39 मिलियन रुपये आंकी गई है। राष्ट्रपति आवास के बाहर हुई झड़पों में एक एएसपी और 18 पुलिस कमांडो समेत 24 पुलिस अधिकारी घायल हो गए।

श्रीलंका में हर चीज महंगी हो चुकी है। शुक्रवार को जारी नए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कोलंबो में मुद्रास्फीति मार्च में 18.7 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह लगातार छठा मासिक रिकॉर्ड है। खाद्य कीमतों में रिकॉर्ड 30.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बता दें कि कोलंबो ने मार्च 2020 में आयात पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिया, ताकि विदेशी मुद्रा को बचा सके और अपने 51 बिलियन डॉलर के कर्ज को चुकाया जा सके।

श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर रोशन महानमा ने tweet करते हुए लिखा कि मैं यह पोस्ट बहुत भारी मन से लिख रहा हूं क्योंकि मैं अपने देश की स्थिति को देखकर आहत और दुखी हूं, जो हमारे अक्षम सत्ता-भूखे शासकों के कारण आर्थिक मंदी के कगार पर है। मुझे कहना होगा कि मैं अपने देश से प्यार करता हूं और मैं इन तथाकथित नेताओं की तुलना में अधिक देशभक्त हूं, क्योंकि जब मुझे मौका मिला तो मैंने देश नहीं छोड़ा। मैं आप सभी से इस समय धर्म, जाति, राजनीतिक दलों, विश्वासों को अलग रखकर एक राष्ट्र के रूप में खड़े होने का अनुरोध करता हूं।

 

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