काशी को बेहतर बनाने की कवायद, जनता खुद तय करेगी विकास की रूपरेखा

यूनिक समय, वाराणसी। उत्तर प्रदेश के जिले वाराणसी को और बेहतर बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए अपने शहर के विकास की रूपरेखा वाराणसी के लोग खुद तय करेंगे। काशी वासियों को अपने शहर में कैसी सुविधाएं चाहिए वे खुद बताएंगे। इसके लिए सरकार जनता से फीडबैक मांग रही है। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स के लिए मिनिस्ट्री ऑफ़ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की ओर से सिटीजन परसेप्शन सर्वे कराया जा रहा है। इसमे आपको अपने शहर में कौन-कौन सी सुविधाओं की आवश्यकता है, ये बताना होगा। इससे बनारसियों के जीवन स्तर में सुधार हो सकेगा। नागरिक धारणा सर्वेक्षण सिटीजन परसेप्शन सर्वे (सीपीएस) ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स का ही हिस्सा है।

मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार पूर्वांचल में विकास के कामों से लोगो की जिंदगी में बदलाव ला रही है। उत्तर प्रदेश में 2017 से योगी सरकार के आने के बाद से प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास की रफ़्तार तेज हो गई है। सरकार मिनिस्ट्री ऑफ़ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की और से काशी की जनता से जानना चाहती है कि उसे अपने जीवन की गुणवत्ता और शहरी विकास के विभिन्न पहलुओं के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता है। सर्वे में वाराणसी की अनुमानित जनसंख्या का 1 प्रतिशत यानी करीब 20 हज़ार नागरिक शामिल होंगे।

शहर के नागरिक https://eol2022.org  पर भाग लेकर अपनी राय दे सकते हैं। इसके लिए स्मार्ट सिटी शहर में स्थानीय बोलचाल की भाषा में होर्डिंग लगाएगा, जिसपर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करके भी सर्वे में भाग लिया जा सकता है। बशर्ते आप वाराणसी में पिछले 6 महीने से रह रहे हों। सर्वे 20 दिसंबर 2022 तक चलेगा।

सरकार 20 हजार लोगों की नब्ज टटोल कर शहर की पूरी जनसंख्या का मिजाज का पता करके आगे की विकास की रुपरेखा तय करेगी। इससे आम लोगों का जीवन सरल और गुणवत्तापूर्ण होगा। सर्वे में शिक्षा, मनोरंजन, यातायात, बिजली, प्रदूषण, स्वच्छता, चिकित्सा, रोजगार के अवसर पेयजल आदि से सम्बंधित प्रश्न होंगे। मौजूदा सुविधाओं से सम्बन्धित प्रश्नों को 1 से 5 तक के अंकों को देकर मूल्यांकन करना है। एक विकल्प ”कोई राय नहीं” का भी है। इसके अलावा अन्य प्रश्न भी हैं।

 

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