सरकार ने मानी किसानों की ये 5 मांगें रह गई 10 और

नई दिल्ली. कृषि मंत्रालय से आश्वासन मिलने के बाद किसानों का आंदोलन खत्म हो गया है. प्रदर्शन करते हुए उत्तर प्रदेश से दिल्ली आए किसान अब वापस घर को लौट रहे हैं. 15 मांगों के साथ प्रदर्शन कर रहे किसानों की 5 मांगों पर सहमति बन गई है. बाकी के 10 मांगों पर भी सरकार ने विचार करने का आश्वासन दिया है.

इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान संगठन के मुखिया पूरन सिंह ने बताया, ‘सरकार 15 में से 5 मांगों पर सहमत हो गई है. अब हम प्रदर्शन को खत्म कर रहे हैं. यह अस्थायी व्यवस्था है. हम अपनी बाकी के मांगों के साथ प्रधानमंत्री से 10 दिन बाद मिलेंगे. अगर सरकार हमारी सभी मांगों को मान गई तो ठीक नहीं तो हम सहारनपुर से फिर प्रदर्शन शुरू करेंगे.


15 मांगों को लेकर बीते 11 सितंबर को शुरू हुई किसानों की ये यात्रा शुक्रवार को नोएडा पहुंची थी. नोएडा में इस रैली के नेतृत्वकर्ता भारतीय किसान संगठन और कृषि मंत्रालय के बीच बातचीत हुई लेकिन ये बेनतीजा रही. इसी के बाद किसानों ने अपनी मांग के साथ दिल्ली के किसान घाट पर प्रदर्शन करने का फैसला लिया.

क्या है किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों की प्रमुख मांग है कि उन्हें कम रेट पर बिजली मिले, गन्ने का भुगतान ब्याज सहित हो, गोवंश की देखभाल का भत्ता बढ़ाया जाए, किसान पेंशन शुरू हो, किसान और मजदूरों की शिक्षा और स्वास्थ्य मुफ्त हो, किसान दुर्घटना बीमा मिले, स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो साथ ही किसानों की कर्ज माफी भी की जाए.

20 दिन का इंतजाम कर निकले किसान
इससे पहले शुक्रवार को नोएडा पहुंचने पर किसानों ने जिले में कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन किया. नोएडा के ट्रांसपोर्ट नगर में पुलिस के पहरे के बीच गाने, भजन और रागनियां गाकर किसानों ने अपनी रात बिताई. आंदोलकारी किसान अपने खाने-पीने और अन्य जरूरत के सामानों का 20 दिन का इंतजाम कर के पहुंचे थे.

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