यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए पहली बार बना ऐसा नियम, जान लें!

इलाहाबाद। यूपी बोर्ड 2021 में होने वाली हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बनाने के मानकों में बदलाव किया गया है। कोरोना के कारण इस बार अधिक परीक्ष केंद्र बनाए जाएंगे. खास बात यह है कि ऐसे स्कूलों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा, जहां पहुंच मार्ग 10 फीट से कम हो। यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए पहली बार ऐसा नियम बनाया गया है।

इसलिए बना ऐसा नियम
बोर्ड परीक्षा के दौरान निरीक्षण के लिए उड़नदस्ते की चार पहिया गाड़ियां परीक्षा केंद्रों तक आसानी से पहुंच सकें, वहां आने जाने में किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसलिए पहली बार यह नियम बनाया गया है. लाइव हिन्दुस्तान में छपी खबर के मुताबिक इससे पहले केंद्र निर्धारण के समय सिर्फ यही नियम था कि स्कूलों तक पहुंच मार्ग होना चाहिए, लेकिन इस बार इसे परिभाषित किया गया है जिसमें कहा गया है कि पहुंच मांर्ग की चैड़ाई 10 फीट से कम नहीं होनी चाहिए, हालांकि शासकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों को इस नियम से छूट दी गई है।

जहां हाईटेंशन तार वहां नहीं बनेंगे केंद्र
बोर्ड परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में बिजली के तारों का भी ध्यान दिया जाएगा। नियम के मुताबिक जिन स्कूलों के प्रवेश द्वार, शिक्षण कक्ष, प्रशासनिक कक्ष के ऊपर से बिजली के हाईटेंशन तार गुजर रहे हों, उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। साथ ही स्कूलों में स्थायी बिजली व्यवस्था के लिए जनरेटर की व्यवस्था अनिवार्य की गई है. इसके अलावा जिन स्कूलों के शिक्षण कक्ष की खिड़कियां मुख्य सड़क या पतली गलियों में खुली हों, उसे केंद्र नहीं बनाया जाएगा।

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