इस मिसाइल ने रूसी सेना के लिए खड़ी की परेशानी, निशाना लगाया, ट्रिगर दबाया और खेल खत्म

नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस द्वारा किए गए हमले का आज 11वां दिन है। सैन्य क्षमता की दृष्टि से यूक्रेन रूस के आसपास भी नहीं है। रूस को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ताकत माना जाता है। कई हथियारों के मामले में तो वह अमेरिका से भी आगे है। इसके बाद भी रूसी सेना के सामने यूक्रेनी सैनिक 10 दिनों से टिके हुए हैं।

मिसाइल दागकर और हवाई बमबारी कर रूस ने यूक्रेन की वायु सेना को तबाह कर दिया। रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई बड़े शहरों में पहुंच गई है। राजधानी कीव में लड़ाई चल रही है। इस दौरान रूसी सेना को यूक्रेनी सैनिकों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। कई किलोमीटर लंबे टैंक और अन्य सैन्य वाहनों के रूसी काफिले थमने को विवश हो गए।

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एंटी टैंक मिसाइल इस लड़ाई में यूक्रेनी सैनिकों के प्रमुख हथियार के रूप में काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर आए कई वीडियो में यूक्रेनी सैनिक अपने कंधे पर एंटी टैंक मिसाइल लिए दिख रहे हैं। रूस को हुए टैंक और अन्य बख्तरबंद गाड़ियों के नुकसान के लिए काफी हद तक ये मिसाइल जिम्मेदार हैं। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को अंदाजा था कि रूस ने हमला किया तो यूक्रेनी सेना के लिए सबसे कारगर हथियार एंटी टैंक और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल होंगे। यही कारण है कि युद्ध शुरू होने से पहले यूक्रेन को जैवलिन और स्टिंगर जैसे मिसाइल दिए गए।

जमीन पर आमने-सामने लड़ी जा रही इस जंग में अमेरिका का एंटी टैंक मिसाइल जैवलिन बहुत घातक हथियार बनकर सामने आया है। यह बेहद सटीक मिसाइल है। एक बार निशाना लगाया, ट्रिगर दबाया तो टारगेट का खेल खत्म समझें। यह फायर एंड फॉर्गेट श्रेणी का हथियार है। इसका मतलब है कि दागे जाने के बाद अधिकतर मामले में यह अपने टारगेट को निशाना जरूर बनाता है। इसका रेंज 2.5 किलोमीटर है। इसे संयुक्त रूप से टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स (अब रेथियॉन मिसाइल सिस्टम) और मार्टिन मारिएटा (अब लॉकहीड मार्टिन) द्वारा डिजाइन किया गया था। हाल ही में निर्माता ने 4750 मीटर रेंज वाले संस्करण को विकसित किया है। अमेरिकी सेना भी इसका इस्तेमाल करती है। इस मिसाइल सिस्टम का वजन 22.3 किलो है।

जैवलिन मिसाइल इतना ताकतवर है कि इसके सामने अच्छे से अच्छे कवच वाला टैंक भी नहीं टिकता। इस मिसाइल के वारहेड में Tandem HEAT का इस्तेमाल किया गया है। यह 800 एमएम मोटे कवच को भेद सकता है। मिसाइल में 8.4 किलोग्राम का टंडेम आकार का चार्ज वारहेड है। वारहेड का अगला हिस्सा विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच (Explosive Reactive Armor) में धमाका करता है। इसके बाद प्राथमिक वारहेड बेस कवच में प्रवेश करता है। जैवलिन मिसाइल में सॉफ्ट लॉन्च क्षमता है। लॉन्च के पहले चरण में मिसाइल को लगभग 20 मीटर आगे फेंका जाता है। इसके बाद मुख्य इंजन चालू हो जाता है। यह सुविधा इसे शहरी वातावरण और इमारत जैसे बंद जगह से फायर करने लायक बनाती है। इसके चलते गनर की जान जोखिम में नहीं पड़ती।

जैवलिन मिसाइल दो मोड में फायर किया जा सकता है। एक टॉप अटैक और दूसरा डाइरेक्ट अटैक। टॉप अटैक मोड टैंक और अन्य बख्तरबंद गाड़ियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। टॉप अटैक फ्लाइट मोड में मिसाइल दागे जाने के बाद ऊपर की ओर जाती है और फिर लक्ष्य की ओर गोता लगाती है। यह विधि मुख्य युद्धक टैंकों को नष्ट करने के लिए बहुत उपयुक्त है, क्योंकि उनमें से अधिकांश में ऊपरी भाग में केवल न्यूनतम स्तर की कवच सुरक्षा होती है। डायरेक्ट अटैक मोड में मिसाइल सीधे लक्ष्य की ओर उड़ती है। इस मोड का उपयोग इमारतों, बंकरों और दुश्मन सैनिकों पर हमले के लिए किया जाता है।

जैवलिन एक मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है। इसकी मदद से कम ऊंचाई पर उड़ रहे हेलीकॉप्टर को भी गिराया जा सकता है। इसकी गिनती दुनिया के सबसे घातक एंटी टैंक मिसाइल में होती है। इजराइल के स्पाइक जैसे कुछ चुनिंदा मिसाइल सिस्टम से ही इसकी तुलना हो सकती है। जैवलिन मिसाइल सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए दो सैनिकों की टीम की जरूरत होती है। इसके दो मुख्य हिस्से होते हैं। एक कमांड लॉन्च युनिट और दूसरा लॉन्च ट्यूब के साथ मिसाइल। कमांड लॉन्च युनिट को बार-बार इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, लॉन्चर ट्यूब एक बार इस्तेमाल करने के बाद बेकार हो जाता है। हर बार फायर करने से पहले ऑपरेटर को मिसाइल ट्यूब के साथ कमांड लॉन्च युनिट अटैच करना पड़ता है। इसमें कम से कम 15 सेकंड का समय लगता है।

मिसाइल दिन या रात और हर तरह के मौसम में काम करता है। रात के अंधरे में थर्मल इमेज सिस्टम की मदद से टारगेट का पता लगाया जाता है। मिसाइल इन्फ्रारेड इमेजिंग गाइडेंस सिस्टम से लैस है। गनर गारगेट पर निशाना साधता है तो मिसाइल के सीकर को इसकी जानकारी मिल जाती है। लॉन्च होने से पहले मिसाइल टारगेट पर लॉक हो जाता है। दागे जाने के बाद मिसाइल खुद टारगेट को ट्रैक करता है और उस तक पहुंचता है। टैंक या कोई वाहन मिसाइल से भागने की कोशिश करे तो यह उसी अनुसार अपनी दिशा बदल लेता है और पीछा कर उसे निशाना बनाता है।

 

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