लुटेरी दुल्हन को पकड़ने के लिए पुलिस ने अपनाई फिल्म ट्रिक !

लुटेरी दुल्हनें शादी के नाम पर आए दिन नौजवानों को अपना शिकार बना रही हैं। वह ऐसी कहानी गढ़ती हैं कि हर कोई उनके जाल में फंस जाता है। ऐसे ही एक गिरोह को पकड़ने के लिए मध्य प्रदेश की सागर पुलिस ने गजब का ड्रामा रचा, जो एकदम फिल्मी था। इस गैंग को दबोचने के लिए पुलिस ने अपने मुखबिर को दूल्हा बनाया और लुटेरी दुल्हन से शादी तय कर दी। गैंग को शक ना हो इसलिए थाना प्रभारी दूल्हे के फूफा बने, जबकि एएसआई को दूल्हे का पिता बनाया गया।

दरअसल, यह अजीबो-गरीब वाकया सागर जिले के जैसीनगर थाने का है। जहां पुलिस ने लुटेरी दुल्हनों की गैंग को पकड़ने के लिए थाना प्रभारी शशिकांत गुर्जर ने पूरी प्लानिंग की। उन्होंने अपने थाने के ASI राम लखन पायक को दुल्हे का पिता बनकर शादी के लिए दलाल से संपर्क करने को कहा। इतना ही नहीं गैंग को शक ना हो और उन पर भरोसा हो इसके लिए शादी कराने का सौदा एक लाख में तय हुआ। भASI ने दलाल को 5000 रुपए एडवांस भी दिए। इसके बाद शादी सागर के परेड मंदिर में होना तय हुई। पुलिस ने ऐसा जाल बुना कि लुटेरी दुल्हन और उसके साथी फंस गए।

जैसीनगर पुलिस की इस पूरे ड्रामे में उन्होंने अपने एक मुखबिर को दूल्हा बनया तो आरक्षक दुर्गेश सिलावट को दूल्हे का भाई बनाया गया। वहीं, एएसआई अभिषेक पटेल ड्राइवर और अन्य स्टाफ दूल्हे के परिवार वाले बने। एकदम असली शादी की तरह सभी शादी के साजो सामान के साथ सागर पहुंचे। इसी बीच प्लानिंग के मुतबिक, दूल्हे का परिवार वरमाला भूल आया। उन्होंने लगाया तो जैसीनगर थाना प्रभारी जो दूल्हे के फूफा बने थे वो वरमाला लेकर मौके पर पहुंचे। जिसके बाद पुलिस ने लड़की और दलाल को गिरफ्तार कर लिया।

मामले को अंजाम देने वाले जैसीनगर थाने के टीआई शशिकांत गुर्जर ने बताया कि कई दिनों से लुटेरी गैंग के शिकार बने लोग शिकायतें लेकर आ रहे थे। 15 फरवरी 2022 को लक्ष्मण पुत्र नत्थू ठाकुर निवासी सरखड़ी ने थाने में शिकायत की थी। इसमें बताया गया था कि दलाल के जरिए उसने ज्योति नाम की लड़की से शादी की थी। शादी के तीसरे दिन ही दुल्हन सारे गहने और 50 हजार रुपए लेकर भाग गई। पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने उनको पकड़ने के लिए यह पूरा नकली शादी का जाल बिछा दिया।

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*