आज है कामिका एकादशी: आरती के बिना अधूरी है भगवान विष्णु की पूजा!

नई दिल्ली। आज कामिका एकादशी 2020 है। इसे श्रावण मास की कृष्ण एकादशी भी कहा जाता है। आज भक्त भगवान विष्णु के उपेन्द्र रूप की पूजा करेंगे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरुप की पूजा करते हैं उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं। अत: पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत और विष्णु भगवान का पूजन अवश्यमेव करना चाहिए। इससे बढ़कर पापों के नाशों का कोई उपाय नहीं है. पूजा के बाद भगवान विष्णु की आरती पढ़ी जाती है। यहां पढ़ें भगवान विष्णु की आरती…

भगवान विष्णु की आरती…

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।

सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥

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