दो साल के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगनी शुरू, क्यूबा बना दुनिया का पहला देश

हवाना। विश्वभर में इस समय बच्‍चों को वैक्‍सीन लगाए जाने पर शोध या परीक्षण चल रहे हैं.।वैक्‍सीन को बच्‍चों के रोग प्रतिरोधक क्षमता पर टेस्‍ट कर इसको उनके लिए सुरक्षित बनाया जा रहा है। वहीं एक देश ऐसा भी है, जहां 2 साल के बच्‍चों को भी कोरोना वायरस की वैक्‍सीन लगाई जानी शुरू कर दी गई है। यह देश है क्‍यूबा। इस छोटे से देश ने पहले 12 साल से अधिक बच्‍चों को कारोना वैक्‍सीन लगानी शुरू की थी। इसके बाद 2 साल के बच्‍चों को वैक्‍सीन दी जा रही है। ऐसा करने वाला यह दुनिया का पहला देश बन गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्‍यूबा में इस समय लोगों को 2 कोरोना वैक्‍सीन लगाई जा रही हैं। इनमें अब्‍दला और सोबराना वैक्‍सीन शामिल हैं। बच्‍चों पर इन वैक्‍सीन का क्‍लीनिकल ट्रायल पूरा किया जा चुका है. हालांकि अभी विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की ओर से इन्‍हें मान्‍यता नहीं दी गई है।

क्‍यूबा में 3 सितंबर को 12 साल से अधिक उम्र वाले बच्‍चों को कोरोना वैक्‍सीन लगनी शुरू हुई थी। इसके बाद सोमवार से देश में 2 से 11 साल के बच्‍चों को टीका लगाया जाना शुरू किया गया है। इस आयु वर्ग के बच्‍चों को क्‍यूबा के सिएनफ्यूगोस शहर में ही वैक्‍सीन लगाई गई है।

बता दें कि कई देश 12 साल से अधिक उम्र के बच्‍चों के लिए कोरोना वैक्‍सीन पर शोध कर रहे हैं। कुछ देशों में इसका परीक्षण भी हो रहा है। चीन, संयुक्‍त अरब अमीरात और वेनेजुएला जैसे देशों ने भी छोटे बच्‍चों को कोरोना वैक्‍सीन लगाने की घोषणा की है। लेकिन अभी इसकी शुरुआत नहीं की गई है।

वहीं भारत में भी 12 साल से अधिक उम्र के बच्‍चों को कोरोना वैक्‍सीन देने की तैयारी हो रही है. इसके तहत जायडस कैडिला की कोरोना वैक्‍सीन को देश में आपातकालीन इस्‍तेमाल की मंजूरी दे दी गई है. यह 12 साल से अधिक उम्र के बच्‍चों को लगाई जा सकती है. इसका संकेत सरकार की ओर से दिया जा चुका है

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