विधायक पर बेकाबू हुई भीड़, सिविल अस्पताल के पिछले दरवाजे से पड़ा भागना, जानिए वजह

  • सिविल अस्पताल में धरने दे रहे लोगों को समझाने गए थे विधायक, भीड़ ने एक नहीं सुनी
  • मोगा में शनिवार रात शादी में दूल्हे के रिश्तेदारों ने डीजे बंद करने पर हवाई फायरिंग की थी

मोगा. शादी में डीजे बंद कराने पर फायरिंग में गाेली लगने से युवक की मौत के बाद बवाल हो गया। सोमवार को सिविल अस्पताल में धरना दे रही भीड़ को समझाने पहुंचे धर्मकोट के विधायक काका सुखजीत सिंह लोहगढ़ को उलटे पांव भागना पड़ा। यहां बेकाबू भीड़ विधायक पर ही हमलावर हो गई। इस पर विधायक अस्पताल के पिछले दरवाजे से भाग निकले।

कस्बा कोट ईसे खां के चीमा रोड निवासी गुरसेवक सिंह ने पुलिस को बताया कि शनिवार रात मस्तेवाला गांव में मेजर सिंह के बेटे निरवैर सिंह की शादी में जागो और डीजे का प्रोग्राम बुक था। वह चचेरे भाइयों जसविंदर सिंह, कर्ण सिंह उर्फ गोरा के साथ गया था। रात 10 बजने के बाद उसने सरकारी आदेश अनुसार डीजे नहीं बजाने की बात कही तो नशे की हालत में नाच रहे युवकों ने उसे थप्पड़ मारे। साथ ही गोली मार देने की धमकी देकर 10-15 लोग पंजाबी गानों पर हवाई फायर करने लगे। इन लोगों ने करीब 150 फायर किए।

पंजाबी गाने के बीच चली गोली डीजे वाले को लगी

जश्न की नौटंकी के बीच दूल्हे के रिश्तेदार सुखदीप सिंह निवासी धर्म सिंह वाला ने भी दोनाली से एक गोली चलाई। दूसरी गोली बीच में फंस गई और जैसे ही उसने हाथ नीचे किया तो गोली उसके चचेरे भाई कर्ण सिंह उर्फ गोरा की छाती पर जा लगी। इस वजह से उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसके बाद आरोपी पक्ष के लोग मामले को रफा-दफा करने के लिए 5 लाख रुपए देने की बात करने लगे। दूसरे तरीके से भी दबाव बनाया गया। उन्होंने एक घंटे तक बरामदे में पड़े कर्ण के शव को नहीं उठाने दिया।

परिवार से मिलने पहुंचे थे विधायक, ड्राइवर ने ऐसे बचाई जान

सोमवार सुबह करीब 11 बजे धर्मकोट के विधायक काका सुखजीत सिंह लोहगढ़ कर्ण सिंह के परिजनों से मुलाकात करने सिविल अस्पताल पहुंचे थे। बात करते वक्त भीड़ में से कुछ युवाओं ने विधायक के साथ हाथापई शुरू कर दी और देखते ही देखते करीब डेढ़ की भीड़ बुरी तरह से हमलावर हो गई। आगे रास्ता बंद होने के चलते विधायक के ड्राइवर स्वर्ण सिंह ने गाड़ी को बैक गियर में दौड़ाया और बड़ी मुश्किल से अस्पताल के गेट में लगाया, इसके बाद आनन-फानन में विधायक गाड़ी से उतरकर अस्पताल के पिछले गेट से निकले। बताया यह भी जाता है कि ड्राइवर स्वर्ण सिंह ने खुद भी प्रदर्शनकारियों का मुकाबला किया। जब उसने ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए तो प्रदर्शनकारी पीछे हटे और इस तरह विधायक की जान बच सकी।

ये हैं प्रदर्शनकारियों की मांगें

हालांकि गुस्साई भीड़ ने विधायक की सरकारी गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया। भारी पुलिस बल तैनात है, वहीं धरना-प्रदर्शन का दौर भी जारी है। इस बारे में धरने की अगुवाई कर रहे भारत नौजवान सभा के सचिव कर्मजीत सिंह और अन्य ने अपनी मांगों को पूरा नहीं होने तक प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी दी। कर्मजीत ने कहा कि आरोपियों की तुरंत प्रभाव से गिरफ्तारी, केस में एससी-एसटी एक्ट की धारा जोड़े जाने और मृतक के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रहेगा।

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