केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवासियों के लिए राज्यों को जारी की गाइडलाइन, जानें लिस्ट में क्या खास बातें!

नई दिल्ली। भारत में तेजी से बढ़ते कोरोना के संक्रमण के मामलों को देखते हुए लॉकडाउन को एक बार फिर 14 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को खत्म होगा। लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर प्रवासी कामगारों पर पड़ा है। हालात ये हैं कि नौकरी न होने के कारण ज्यादतर प्रवासी कामगार पैदल ही घर के लिए हजारों मील के सफर पर निकल गए हैं।

प्रवासियों को उनके गृह जनपद भेजने के लिए रेल और बस सुविधाओं की शुरुआत की गई है लेकिन ज्यादातर प्रवासी अपने घर जल्दी पहुंचने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं। प्रवासियों को इस तरह अपने गृह राज्य जाते देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं. गृह मंत्रालय की नई गाइड लाइन में प्रवासियों को हर मुमकिन सुविधा देने को कहा गया है।

10 प्वाइंट में जानें गृह मंत्रालय ने क्या कहा…
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से ज्यादा से ज्यादा स्पेशलइ ट्रेन चलाने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने इसके लिए सभी राज्यों और रेल मंत्रालय के बीच बेहतर समन्वय बनाने के निर्देश दिए हैं।

गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रवासियों के जाने वाले जिन रास्तों के बारे में पहले से पता है वहां पर शेल्टर होम की व्यवस्था की जानी चाहिए और वहां पर खाने और उनके सेहत से जुड़ी हर सुविधा मौजूद होनी चाहिए।

गृह मंत्रालय ने सभी जिलों के जिलाधिकारी से कहा है कि वह पैदल जा रहे लोगों को शेल्टर होम में जाने की सलाह दें. प्रवासियों को बताएं कि बस स्टॉप और रेलवे स्टेशन कहां हैं और शेल्टर होम में मौजूद प्रवासियों की संख्या के हिसाब से परिवहन सेवाएं मुहैया कराएं।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि शेल्टर होम में आने वाले सभी प्रवासियों की पूरी जानकारी ली जाए, जिससे लॉकडाउन खुलने पर उनसे दोबारा संपर्क साधा जा सके और नौकरी के लिए बुलाया जा सके।

राज्यों को निर्देश दिया गया है कि शेल्टर होम में प्रवासियों की देखभाल और उनकी मदद के लिए एनजीओ की मदद की जाए. एनजीओ की मदद से प्रवासियों की देखभाल करना और उनकी दुविधा दूर करना आसान होगा।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि शेल्टर होम में आने वाले प्रवासियों को क्वारंटाइन किया जाना चाहिए, जिससे अगर उनमें कोरोना के लक्षण हैं तो उसका पता लग सके. शेल्टर होम में आने वाली औरतों, बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष रूप से नजर रखी जाए और उन्हें हर तरह सकी ​सुविधा मुहैया कराई जाए।

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में बसों को चलाएं, जिससे पैदल जा रहे प्रवासियों की मदद की जा सके।

लॉकडाउन के चौथे चरण में दो राज्यों को समन्वय से बस चलाने की छूट दी गई है. इसके लिए गृह मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि अंतरराज्यीय बॉर्डर पर बसों को जाने से बिल्कुल भी न रोका जाए।

जिस में शेल्टर होम में प्रवासी कामगार रुक रहे हैं वहां पर खाने की समुचित व्यवस्था हो साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं भी मुहैया कराया जाए. इन शेल्टर होम में काउंसलर की व्यवस्था की जाए जो प्रवासियों को समझाने का प्रयास करें।

राज्य जिन भी शहरों के लिए ट्रेनें चला रहे हैं उसकी स्पष्ट जानकारी प्रवासियों को दी जाए, जिससे अफवाहों को बचा जा सके।

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