यूपी: घर में शराब रखने के लिए लेना होगा लाइसेंस, पर्सनल बार के लिए भी जरूरी!

लखनऊ । योगी सरकार ने कैबिनेट से मंजूर की गई नई आबकारी नीति में कई अहम फैसले किए गए हैं। इसमें आबकारी विभाग से मिलने वाले राजस्व में लगभग छह हजार करोड़ रुपए की वृद्धि कर 34,500 करोड़ के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही एक ओर जहां निजी प्रयोग या पर्सनल बार के लिए भी निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक शराब रखने पर लाइसेंस लेने का प्रावधान कर दिया गया है। वहीं वर्ष 2020-21 के लिए देशी-विदेशी मदिरा के साथ मॉडल शॉप के वार्षिक लाइसेंस की फीस में भी बढ़ोतरी की गई है। इस कदम से प्रदेश सरकार को तकरीबन छह हजार करोड़ रुपए अधिक राजस्व मिलने की संभावना है।

आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर। भूसरेड्डी के मुताबिक प्रदेश की नई आबकारी नीति के तहत निजी प्रयोग के लिए व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन या निजी कब्जे में रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए निर्धारित शर्तो के अधीन प्रत्येक वर्ष 12,000 रुपए लाइसेंस फीस और प्रतिभूति धनराशि 51,000 रुपये जमा करनी पड़ेगी। नई नीति के तहत प्रति व्यक्ति या एक घर मे सिर्फ छह लीटर मदिरा के क्रय, परिवहन या निजी कब्जे में रखने की सीमा निर्धारित है। इससे अधिक शराब रखने पर आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा।

वार्षिक लाइसेंस फीस में हुई वृद्धि
भूसरेड्डी ने बताया कि योगी सरकार ने आबकारी विभाग के वर्ष 2020-21 के 28,300 करोड़ रुपए के सापेक्ष वर्ष 2021-22 में करीब छह हजार करोड़ अधिक 34,500 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है। जिसके चलते, ‘देशी मदिरा, विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों और मॉडल शॉप की वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक लाइसेंस फीस में 7।5 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। बीयर की फुटकर दुकान लाइसेंस फीस में कोई वृद्धि नहीं की गई है। उपभोक्ताओं को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शराब उपलब्ध कराने के लिए ग्रेन ईएनए से निर्मित उच्च गुणवत्ता युक्त यूपी मेड लिकर की टेट्रा पैक में बिक्री देशी शराब की दुकानों से अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य 85 रुपये में की जाएगी। लेकिन देशी शराब के अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा
उन्होंने आगे कहा, ‘नई नीति के तहत प्रदेश में शराब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में उत्पादित फल से प्रदेश में निर्मित शराब आगामी पांच वर्ष के लिए प्रतिफल शुल्क से मुक्त होगी। विंटनरी अपने परिसर में स्थानीय उत्पादित वाइन की फुटकर बिक्री कर सकेगी। विंटनरी परिसर में एक ‘वाइन टैवर्न’ भी स्थापित किया जा सकेगा। जहां वाइन को पसंद करने वालों को वाइन टेस्टिंग की अनुमति होगी।

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