उत्तर प्रदेश: घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को लग सकता है बड़ा झटका,दरों में 18-23 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव

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 उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से सोमवार को विद्युत नियामक आयोग में अलग-अलग दाखिल प्रस्ताव में बिजली दरों में औसत 15.85 प्रतिशत वृद्धि की मांग की गई है। कमर्शियल कंज्यूमर की भी बिजली करीब 12 प्रतिशत महंगी करने का प्रस्ताव है।

लखनऊ, नए साल में उत्तर प्रदेश के वासियों को जल्द ही महंगी बिजली का झटका लग सकता है। प्रदेश की बिजली कंपनियों ने वर्ष 2023-24 के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) के साथ ही बिजली दरों में 15.85 प्रतिशत औसत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। इनमें सर्वाधिक घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में 18 से 23 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव है। उद्योगों की 16 प्रतिशत, कृषि की 10 से 12 प्रतिशत व घरेलू लाइफ लाइन उपभोक्ताओं (एक किलोवाट विद्युत लोड और 100 यूनिट प्रति माह बिजली उपभोग वाले उपभोक्ता) की दरों में 17 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव आयोग में दाखिल हुआ है।

प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से सोमवार को विद्युत नियामक आयोग में अलग-अलग दाखिल प्रस्ताव में बिजली दरों में औसत 15.85 प्रतिशत वृद्धि की मांग की गई है। वाणिज्यिक उपभोक्ताओं की भी बिजली करीब 12 प्रतिशत महंगी करने का प्रस्ताव है। सभी श्रेणी के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं की बिजली दरें एक रुपये प्रति यूनिट वृद्धि का प्रस्ताव दाखिल किया गया है। किसानों की बिजली दरों में भी 10 से 12 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित है। बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता लगभग 92,547 करोड़ रुपये है।

कंपनियों ने 14.9 प्रतिशत की वितरण हानियां दिखाईं हैं। वर्ष 2023-24 का गैप 9,140 करोड़ रुपये है। कुल बिजली खरीद का जो अनुमान है वह लगभग 134751 मिलियन यूनिट है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली कंपनियों के प्रस्ताव का विरोध करते हुए विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह तथा सदस्य विनोद कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात कर लोक महत्व याचिका दाखिल कर दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियों पर प्रदेश के उपभोक्ताओं का कुल 25,133 करोड़ रुपये अधिक निकल रहा है, ऐसे में बिजली दरों में एकमुश्त 35 प्रतिशत या फिर अगले पांच वर्षों तक सात प्रतिशत प्रत्येक वर्ष कमी की जाए।

जिस प्रदेश में उपभोक्ताओं की रकम बिजली कंपनियों पर निकल रही है वहां पर बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव देना असंवैधानिक है। विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन ने कहा कि आयोग पूरे मामले पर उचित फैसला लेगा। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि वह हर स्तर पर इस प्रस्ताव का विरोध करेगा।

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