उत्तराखंड: जोशीमठ में धंस रही है जमीन, औली रोपवे का संचालन बंद, कई परिवार हुए शिफ्ट

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उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव ने अब विकराल रूप ले लिया है। अब स्थिति यह है कि भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। सोमवार रात को अचानक मकानों में दरारें आने लगीं जिससे पूरे नगर में दहशत फैल गई। बुधवार को जेपी कॉलोनी के 50 प्रभावितों को कंपनी ने और अलग-अलग वार्डों से 16 प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया। इससे पूर्व 11 प्रभावितों को शिफ्ट किया जा चुका है। वहीं मारवाड़ी में भूमि से लगातार पानी का रिसाव होने से निचले क्षेत्र के भवनों को भी खतरा हो गया है। नगर के सिंहधार वार्ड में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और आवासीय भवनों में भी दरारें उभर आई हैं जिससे यहां रहने वाले परिवारों पर भी खतरा मंडराने लग गया है।

सोमवार रात को नगर के मारवाड़ी वार्ड में जेपी कंपनी के 50 आवासीय भवनों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई थीं। खतरे को देखते हुए बुधवार को जेपी कंपनी ने सभी मकानों को खाली कराकर कर्मचारियों को अलग-अलग जगह पर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया। कंपनी के आवासीय परिसर में रहने वाले भरत बिष्ट का कहना है कि कंपनी के भवनों के साथ उनके मकानों में भी दरारें आ गई हैं। मारवाड़ी में रहने वाले दिनेश सिंह भंडारी, दीपक जोशी, दीपक भंडारी का कहना है कि खेतों में भी बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हैं। जेपी कॉलोनी के पिछले हिस्से में जमीन से पानी का रिसाव लगातार जारी है। अब कई मकानों की दीवारों से भी पानी रिसने लग गया है।

जमीन से निकल रहा पानी खेतों की दरारों में घुस रहा है इससे खतरा और भी बढ़ गया है। सोमवार से नगर के सभी नौ वार्ड परसारी, रविग्राम, सुनील, अपर बाजार, नृसिंह मंदिर, मनोहर बाग, सिंहधार, मारवाड़ी और गांधी नगर वार्ड में किसी न किसी मकान में दरारें आ गई हैं। साथ ही दरारें लगातार बढ़ती जा रही हैं। यहां से प्रशासन ने करीब 16 प्रभावितों को बुधवार को जबकि पांच परिवारों को मंगलवार को शिफ्ट किया जा चुका है। इससे पूर्व छह परिवारों को भी शिफ्ट किया जा चुका है जबकि कई प्रभावित घर छोड़कर जा चुके हैं।

वहीं, औली रोपवे का संचालन अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है। रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट ने बताया कि प्रशासन की ओर से यह आदेश मिले हैं, जबकि जीएमवीएन निदेशालय की ओर से अभी तक रोपवे संचालन रोकने के आदेश नही आए हैं। बता दें कि जोशीमठ में रोपवे टावर के इर्दगिर्द की जमीन में भी दरारें पड़ी हैं। पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
जेपी कंपनी के परिसर में संचालित होने वाले पोस्ट ऑफिस को जोशीमठ के मुख्य डाकघर में शिफ्ट कर दिया गया है। बुधवार को कार्यालय का सारा सामान हटा दिया गया है। पोस्ट ऑफिस के अधिकारी एन लोहानी ने बताया कि पानी के रिसाव होने से परिसर में संचालित पोस्ट ऑफिस खतरे की जद में आ गया था। जिसके चलते इसे जोशीमठ के डाकघर में हस्तांतरित कर दिया गया है।

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