वास्तुशास्त्र टिप्स: घर की किस दिशा में हो किचन और कहां रखें गैस स्टोव

नई दिल्ली। किसी भी घर में उसका किचन एक अहम अंग माना जाता है। कहा जाता है कि घर की रसोई में जो भी पकाया जाता है उसका सीधा असर व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। वास्तु के अनुसार किचन दिनभर की ऊर्जा का स्रोत होता है। इसलिए किचन में पॉजिटिव एनर्जी को बनाए रखने के लिए वास्तु के अनुसार उसकी दिशा का निर्धारण करना जरूरी होता है। किचन की गलत दिशा भी घर की सुख-शांति को कम कर सकती है और घर के सदस्यों के बीच लड़ाई का कारण बन सकती है। सिर्फ यही नहीं वास्तु के अनुसार गैस स्टोव का भी सही दिशा में होना जरूरी है, जिससे इसमें बने खाने का गलत असर घर के सदस्यों पर न पड़े। आइए जानें किचन की दिशा और गैस स्टोव की सही जगह के लिए क्या कहता है वास्तु।

वास्तु के अनुसार रसोई की दिशा
वास्तु के अनुसार किसी के घर में पृथ्वी, आकाश, वायु, अग्नि और जल के तत्वों का उचित संतुलन होना चाहिए।
रसोई का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व कोने में होना चाहिए और खाना बनाते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करना चाहिए।
खाना बनाते समय पश्चिम दिशा एक वैकल्पिक दिशा है।
सिंक को आदर्श रूप से रसोई के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में रखा जाना चाहिए।
उत्तर-पूर्व दिशा में पानी के बर्तनों और जल शोधक को रखें।
जब वास्तु के अनुसार किचन की दिशा का निर्धारण किया जाता है तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है।
अच्छी, विशाल और अव्यवस्था मुक्त रसोई अच्छी सेहत और समृद्धि के लिए जरूरी है।
रसोई में खिड़कियां होनी चाहिए और किचन हवादार होना चाहिए जिसमें पर्याप्त रोशनी होनी जरूरी है।
इसके अलावा अनाज को एकत्रित करने का स्थान किचन के पश्चिम और दक्षिण की दीवारों की तरफ होना चाहिए।

वास्तु के अनुसार किचन में गैस स्टोव रखने की दिशा
गैस स्टोव को रसोई के दक्षिण-पूर्व कोने में रखा जाना चाहिए।
रसोई में अग्नि तत्व होने के नाते, यह उस कोने में होना चाहिए जहां अग्नि के देवता मौजूद हों।
जब आप खाना बना रहे हों तो आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
आपका गैस स्टोव पूर्व की ओर रखा जाना चाहिए।
अगर खाना बनाते समय खाना बनाने वाले का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होता है तो इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
दक्षिण की ओर मुंह करने से वित्तीय समस्याएं हो सकती हैं।
इसके अलावा, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि गैस के ठीक ऊपर कोई शेल्फ या अलमारी न हो क्योंकि यह जगह चिमनी के लिए होती है।
अग्नि के स्वामी का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है। जिसका अर्थ है कि वास्तु के अनुसार आदर्श रसोई स्थान आपके घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में होती है।
यदि आपको दक्षिण-पूर्व दिशा में उपयुक्त स्थान नहीं मिल रहा है, तो उत्तर पश्चिम दिशा में भी गैस स्टोव रख सकते हैं।

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