प्रदेश में कोरोना सैंपलिंग जांच में वेटरिनरी विवि की लैब छठवें स्थान पर

विक्रम सैनी
यूनिक समय, मथुरा। कोरोना के दौर में प्रदेश में कोरोना सैंपलिंग का कार्य त्वरित गति से करने वाली 49 सरकारी एवं अद्र्ध सरकारी लेबोरेट्री में से मथुरा की ‘उत्तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ संवर्धन केंद्र मथुरा (वेटरनरी यूनिवर्सिटी) की लैब ने प्रदेश में छठवां स्थान प्राप्त किया है।

मथुरा की इस लैब की स्थापना जून 2020 में उस वक्त की गई जब कोरोना की पहली लहर चरम की ओर थी। उस वक्त शासन ने आनन-फानन में निर्णय लेकर इस लैब की स्थापना कराई थी। इसमें 320 सैंपल प्रतिदिन के औसत से जांच की गई।
वेटरिनरी विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता डा पीके शुक्ला ने बताया कि मथुरा की इस लैब के लिए आगरा, अलीगढ़ व मेरठ मंडल के जिलों के स्वास्थ्य विभाग ने अपने सैंपल भेजे। इन सैंपल की जांच 24 से 36 घंटे के अंदर की गयी और जांच रिपोर्ट संबंधित जिलों को मय से भेजी गई। इस लैब में प्रात: 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक प्रशिक्षित तकनीशियन कोरोना के सैंपल की जांच करते हैं।

इस लैब की ये जांच कितनी सही हैं ? इनमे से 10 फीसदी की पुऩ: जांच की गयी। लखनऊ की केजीएमयू और पुणे की एनआईबी लेबोरेटरी में 10 फीसदी सैंपल की जांच रेंडम तरीके से हुई। ज्यादातर सैंपल की जांच सही निकली। माह जून 2020 से अब तक 1 लाख 4 हजार सैंपल की जांच की गई। इनमें 7110 सैंपल पॉजिटिव पाए गये हैं।

अलीगढ़ व आगरा में होती थी मथुरा के सैपलों की जांच
यूनिक समय, मथुरा। कोरोना महामारी के पहले दौर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज की लैब से जांच होती थी। ये जांच रिपोर्ट एक सप्ताह बाद मिलती थी। इसके बाद मथुरा के स्वास्थ्य विभाग ने जालिमा इंस्टीट्यूट आगरा को सैंपल भेजने शुरू किए। वहां से भी 5 दिन बाद जांच रिपोर्ट मिलती थी। इसे देखते हुए शासन ने तत्काल मथुरा के वेटरिनरी विश्वविद्यालय में लेबोरेटरी स्थापित कराई।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*