विकास के लिए तरसता गांव बिरजूगढ़ी, जनप्रतिनिधियों पर भेदभाव करने का ग्रामीणों ने लगाया आरोप

unique samay

यूनिक समय, नौहझील। मथुरा जनपद के आखिरी छोर पर बसे गांव बिरजूगढ़ी के निवासी आज भी नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं। ग्रामीण विकास कार्य कराए जाने को तरस रहे हैं लेकिन किसी जनप्रतिनिधियों ने इस गांव के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया। ग्रामीण आज भी विकास की राह देख रहे हैं। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की बेरूखी के चलते इस गांव की तरफ किसी ने आज तक विकास के नाम पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस कारण इस गांव का विकास नहीं हो सका। बात करें तो इस गांव में पहुंचने के लिए तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। मुख्य मार्ग से गांव तक जाने वाली सड़क आज भी कच्ची हैं जो बरसात के मौसम में ग्रामवासियों के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती हैं। जहां मुख्य मार्ग से गांव तक का लगभग डेढ़ किमी का सफर लोगों के लिए मीलों से कम नहीं लगता। यह सड़क बरसात में दलदल का रूप धारण कर लेती हैं। जिससे वाहन तो दूर पैदल निकलना भी दूभर हो जाता हैं। वहीं गांव से कस्बे में पढ़ने आने वाले बच्चों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सवारी का साधन न होने के कारण बच्चे पैदल ही स्कूल आते जाते है। जिससे वह समय से स्कूल नहीं पहुंच पाते। वहीं बीमार लोगों को और भी मुसीबत झेलनी पड़ती है। सफाई न होने के कारण गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। वहीं दूसरी और गांव में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल हैं। नालियों व कच्चे रास्तों पर कीचड़ है। पूरे गांव में एक भी रास्ता पक्का नहीं है। गांव निवासी लाखन सिंह ने बताया कि चुनाव के समय सभी पार्टियों के नेता विकास का भरोसा तो दे जाते है। फिर लौट कर नहीं आते हैं। ग्रामीण भगवान सिंह ने बताया कि गांव में सफाई कर्मचारी सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है। जसवंत सिंह का कहना है कि बाजना जट्टारी मुख्य मार्ग से गांव तक सड़क बनना अब तो एक सपने जैसा लगता है। वहीं राम खिलाड़ी ने बताया कि यहां तो कभी समय से राशन तक नसीब नहीं होता है। गोधन सिंह का कहना हैं कि नेता व अधिकारी इस ओर ध्यान दें तो शायद गांव में विकास कार्य हो जाए।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*